कवितालोक सृजन संस्थान द्वारा काब्यशाला का हुआ आयोजन
कुश बाजपेई
बीकेटी/लखनऊ। महोना के चंद्रवाटिका शिक्षा निकेतन में आज 8 दिसम्बर को एक काव्यशाला का आयोजन हुआ जहां प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कवि व साहित्यकारों ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम का आयोजन कवितालोक सृजन संस्थान के सौजन्य से संस्था के संरक्षक ओम नीरव, कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रताप खण्डकाव्य के रचयिता केदारनाथ शुक्ल, मुख्य अतिथि भ्रमर बैसवारी, विशिष्ट अतिथि अखिल श्रीवास्तव ‘व्यथित’ की उपस्थिति में हुआ ।
कार्यक्रम का प्रारम्भ विद्यालय की कक्षा 8 की छात्रा काजल के स्वरचित वंदना गीत से हुआ । इस अवसर पर ओम नीरव ने ‘कहीं उफनता प्यार ठिठुरती रातों में, कहीं जिंदगी भार ठिठुरती रातों में’ सुनाया अध्यक्ष केदारनाथ शुक्ल ने ‘कह देना राजपूतिनीका चमका है रूप अंगारों में, है रूप देखना मेरा तो देखें अपनी तलवारों में ‘ सुनाकर पूरे सदन को रोमांचित कर दिया । कवयित्री सोनी मिश्रा ने ‘बहुत ही गुनहगार अपना हृदय है मैं अपने किए कि सजा मांगती हूं, न अपनी है काया न अपनी हैं सांसें मगर जिंदगी का पता मांगती हूं’ सुनाकर सभी को रस विभोर कर दिया । शायर गौरव पांडे ने ‘अगर है प्यास तो इस आग में तू और तड़प, जुनून है जो गुजरे तो क्या नहीं देता है’ सुनाया । कार्यक्रम का आयोजन संचालन राहुल द्विवेदी ‘स्मित’ ने किया ।