पटना : सिवान से राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित तेजाब कांड के एक मामले में बुधवार को जमानत दे दी है।
जस्टिस जितेंद्र मोहन शर्मा की कोर्ट ने सीवान के दो सगे भाईयों की हत्या के एकमात्र चश्मदीद गवाह रहे तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या मामले में बुधवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इस जमानत के बाद शहाबुद्दीन करीब 10 साल बाद जेल से बाहर होंगे. इस साल पत्रकार हत्या कांड के बाद शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है. 2004 में सीवान में दो सगे भाई गिरीश और सतीश राज की तेजाब से जला कर हत्या कर दी गयी थी.
हत्या की साजिश रचने का था आरोप
इस मामले में भी आरोप शहाबुद्दीन पर लगा था. इस केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह तीसरा भाई राजीव रौशन था. टाउन थाना कांड के केस संख्या 220/2014 के मुताबिक 17 जून, 2004 को तीसरे भाई राजीव रौशन की भी गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस मामले में शहाबुद्दीन को आरोपी बनाया गया. बचाव पक्ष के वकील का तर्क था कि जिस समय राजीव रौशन की हत्या हुई उस समय शहाबुद्दीन जेल में बंद थे. इस केस में उनका कोई हाथ नहीं है. इस केस में पहले शहाबुद्दीन की जमानत याचिका खारिज हो गयी थी. शहाबुद्दीन के वकील वरीय अधिवक्ता वाइवी गिरी ने कहा कि अभी तक उनके खिलाफ कमिटमेंट तक फाइल नहीं हुआ है.
कोर्ट ने स्वीकार की जमानत
शहाबुद्दीन के अधिवक्ता का तर्क था कि शहाबुद्दीन जेल में बंद हैं और वह गवाह को भी प्रभावित नहीं कर सकते. ऐसे में उन्हें जमानत दी जा सकती है. इस पर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली.तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के बाद सीवान टाउन थाने में उसके पिता ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में शहाबुद्दीन को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. कहा गया कि चूंकि राजीव रौशन अपने दोनों सगे भाईयों की हत्या का एक मात्र चश्मदीद गवाह था और वह गवाही देने वाला था, इस कारण सीवान शहर में डीएवी कालेज के नजदीक मोटरसाइकिल पर सवाल तीन लोगों ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी. इस समय वह अपने पिता के साथ गुजर रहा था.