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बिहार :: धूमधाम से मना मगध महिला कॉलेज का वार्षिकोत्सव, सीएम नीतीश भी हुए शामिल

पटना (संजय कुमार मुनचुन) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मगध महिला कॉलेज के वार्षिकोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। 

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य को यहां वार्षिक समारोह में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद देता हूॅ। यहां पहली बार औपचारिक तौर पर आने का मौका मिला है। सत्ता संभालने के बाद एक बार सांस्कृतिक कार्यक्रम में उपस्थित हुआ था और उससे पहले छात्र जीवन में पटना यूनिवर्सिटी के चुनाव कार्यक्रम में यहां आया करता था। मेरी पत्नी और मेरी बहन भी यहां की छात्रा रही हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मगध महिला कॉलेज की उपलब्धियों को विस्तार से यहां की प्राचार्य ने बताया है। उन्होंने कहा कि यहां की शिक्षा बेहतर क्वालिटी की है। इस कॉलेज के उत्थान और विकास के लिए हमलोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि नवंबर 2005 में सत्ता संभालने के बाद सर्वे कराने पर यह जानकारी मिली कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। हमलोगों ने बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए और अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। गरीबी के कारण 5वीं कक्षा के आगे अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए अभिभावक स्कूल नहीं भेज पाते थे, हमलोगों ने उसके लिए वर्ष 2007 से पोशाक योजना चलायी। इसमें एक वर्ष में दो जोड़ी पोशाक, एक जोड़ी जूती और एक बैग दिया जाता है। इससे मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई। सर्वे से ज्ञात हुआ कि जहां 9वीं कक्षा में 1 लाख 70 हजार लड़कियां पहले स्कूलों में थीं, वही संख्या साइकिल योजना की शुरुआत के बाद बढ़कर 9 लाख से भी अधिक हो गई है। इससे लड़कियों में उत्साह का भाव आया, लड़कियां जब समूह में साइकिल से स्कूल जाने लगीं तो लोगों की मानसिकता में भी बदलाव आया और गांवों का वातावरण भी बदला।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में फर्टिलिटी रेट ज्यादा है। जब हमने सर्वेक्षण कराया तो पता चला कि मैट्रिक पास लड़कियों का देश में फर्टिलिटी रेट 2 था और बिहार का भी 2 था। इंटरमीडिएट पास लड़कियों का देश में फर्टिलिटी रेट 1.7 और बिहार में 1.6 था। इसके आधार पर हमने निर्णय किया कि अगर लड़कियों को शिक्षित किया जाए तो इस समस्या का बहुत हद तक समाधान किया जा सकता है। हमलोगों ने इसके लिये मिषन मोड में काम शुरू किया। बिहार के सभी ग्राम पंचायतों में हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना करने का हमलोगों ने निर्णय लिया। ग्राम पंचायतों में हायर सेकेंड्री स्कूलों का निर्माण कराया जा रहा है और लगभग 2000 पंचायतों में निर्माण कार्य शेष है। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में आंकलन कराने पर यह पता चला कि बिहार का ग्रॉस इनरालमेंट रेसियो (जी0ई0आर0) 13.9 प्रतिशत है और देश का 24 प्रतिशत है। सात निश्चय योजना कार्यक्रम में हमलोगों ने राज्य का जी0ई0आर0 24 प्रतिशत से ज्यादा 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 12वीं कक्षा के बाद गरीब मां-बाप अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ रहते हैं। हमलोगों ने राज्य शिक्षा वित्त निगम की मदद से 12वीं पास छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना चलायी है। इसके तहत 4 लाख रुपए तक का ऋण छात्रों को 4 प्रतिशत और छात्राओं, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेडरों को एक प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर मिल रहा है। इससे कई छात्र-छात्राएं लाभ उठा रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद काम मिलने पर 60 से 84 किष्तों में यह पैसा लौटाना है। अगर बेटे-बेटियों को रोजगार नहीं मिल पाता है और पैसे लौटाने में वे असमर्थ होंगे तो ऋण माफ भी किया जा सकता है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। पिछले वर्ष 21 जनवरी को 14 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ बिहार के लोगों ने बनायी थी। बाल विवाह के कारण गर्भधारण करने वाली महिलाओं की मृत्यु ज्यादा होती है और जो बच्चे पैदा होते हैं वे बौनेपन एवं मानसिक बीमारियों के शिकार भी होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों के समाज में बेटियों के तुलना में बेटों की चाहत ज्यादा होती है। हमलोगों ने समाज में लड़कियों के प्रति सम्मान एवं चाहत का भाव पैदा करने के लिए कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की, जिसमें लड़की के जन्म लेने पर उनके माता-पिता के खाते में 2000 रुपए की राशि जमा हो जाएगी। एक साल के अंदर उसे आधार से जोड़ने पर 1000 रुपये, 2 साल के अंदर पूर्ण टीकाकरण करवाने पर 2000 रूपये उनके खाते में चले जायेंगे। अविवाहित इंटर पास लड़कियों को 10,000 रुपए और विवाहित या अविवाहित स्नातक पास लड़कियों को 25,000 रुपये की राशि राज्य सरकार मुहैया करा रही है। लड़की के पैदा होने से लेकर उसे ग्रेजुएट होने तक 54,100 रुपये का लाभ सरकार द्वारा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों के शिक्षित होने से उनमें आत्मसम्मान का भाव पैदा हो रहा है। उनके अरमानों को पंख लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्थाओं के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मगध महिला कॉलेज में प्रवेश के लिए एक किलोमीटर का जो रास्ता खराब है, उसे ठीक कराया जाएगा और अब छात्राओं को आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। 800 छात्राओं के लिए छात्रावास जल्द से जल्द बनाया जाएगा। इसके काम की शुरुआत फरवरी माह में कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज की तरफ से आज गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं को सम्मानित किया गया है, इसके लिए उन्हें मैं बधाई देता हूं। शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं को राज्य सरकार की तरफ से सम्मानित करने का प्रबंध करें, इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मगध महिला कॉलेज के बगल में सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, सभ्यता द्वार, बापू सभागार एवं गांधी संग्रहालय है। हम चाहते हैं कि मगध महिला कॉलेज का स्ट्रक्चर और बढ़िया बने। उसकी बिल्डिंग का डिजाइन बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएग ताकि यह भी दर्शनीय लगे।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कटुता का वातावरण पैदा किया जा रहा है। लोगों को एक दूसरे के विचारों और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। समाज में प्रेम-शांति और भाईचारा को आगे बढ़ाने के लिए लड़कियां अगर आगे आएं तो इसका परिणाम बड़ा सकारात्मक होगा। बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि, भगवान महावीर की जन्मभूमि, ज्ञानभूमि और निर्वाण भूमि रही है। यह गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्मभूमि है, आर्यभट्ट और चाणक्य की भी भूमि है। मैं आप सबसे यह अपील करता हूं कि बिहार के गौरवशाली बातों को सोशल मीडिया पर लोगों को बताएं ताकि लोग यहां के इतिहास से परिचित हो सकें। लड़कियों की शिक्षा को बेहतर बनाने में मगध महिला कॉलेज की बड़ी भूमिका है। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया गया। एन0सी0सी0 के छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तिका का विमोचन किया। वर्ष 2018 के 8 गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं को 5100 रुपये का चेक, गोल्ड मेडल एवं प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस मौके पर मगध महिला कॉलेज के लिफ्ट का भी मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया, साथ ही छात्राओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। मुख्यमंत्री के समक्ष छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री श्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रास बिहारी सिंह, मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य प्रो0 शशि शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर0के0 महाजन, प्रति उप कुलपति प्रो0 डॉली सिन्हा, साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो0 राधाकांत प्रसाद, पटना विष्वविद्यालय के कुल सचिव कर्नल मनोज मिश्र, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, षिक्षकवृंद, छात्र संघ के प्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।

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