युवा गौरव । मुकेश कुमार (लखनऊ) ::राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में पर्यावरण को लेकर रविवार को दैनिक जागरण की ओर से पेड़ों की बरात की रैली निकाली गई व एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें इस रैली के माध्यम से लोगों को जागरुक किया गया कि पेड़ जीवन के लिए कितना लाभप्रद है व प्रकृति के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। हवा, पानी, भोजन, धूप सब कुछ हमें प्रकृति से ही मिलता है। शायद इसीलिए प्रकृति को कुछ लोग ईश्वर के रूप में भी देखते हैं। प्रकृति है, सनातन है, शाश्वत है, मनुष्य स्वयं इस विहंगम प्रकृति का अंग है। प्रकृति सम्मत विकास ही मानव संस्कृति है। हमने शायद इस शाश्वत सत्य को भुला दिया है, जिसके परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पर्यावरण और प्रकृति के ह्रास से सामाजिक विकृतियां जन्म लेती हैं। इसलिए हम सभी को जीवन में कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। पौधों की बारात गोष्ठी का संचालन आशीष सिंह ने किया, इस अवसर पर लोगों को यही संदेश देते हुए कहा ‘विश्व पर्यावरण पर हम अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हैं कि पृथ्वी को स्वच्छतर और सतत बनाएँगे।
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प्रकृति के साथ सामंजस्य पूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति की परंपरा है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने और भावी पीढ़ियों को हरित, इको-फ्रेंडली पर्यावास देने के लिए वचनबद्ध है।’ भुवनेद्र प्रताप सिहं ने कहा ‘पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि पर्यावरण का संरक्षण करें उसे प्रदूषण से बचाएं। वायु प्रदूषण हमारी आधुनिक जीवनशैली का अभिशाप है। विरेंद्र कुमार ने कहा प्रकृति स्वयंभू है, सनातन है, शाश्वत है, मनुष्य स्वयं इस विहंगम प्रकृति का अंग है। प्रकृति सम्मत विकास ही मानव संस्कृति और प्रकृति के ह्रास से सामाजिक विकृतियां जन्म लेती हैं।’ इसलिए सभी लोगों को चाहिए कि इस बरसात में ज्यादा से ज्यादा संख्या में घरों में बाग बगीचों में वृक्षारोपण करें व उसकी सेवा अपने बच्चों की तरह करके उसे बड़ा करें जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहे क्योंकि पर्यावरण ही जीवन है।
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