चारे पानी व छाया के अभाव में तड़प तड़प कर मर रहे मवेशी
श्रीनिवास सिंह मोनू( बन्थरा/लखनऊ) :: क्षेत्र के पशु आश्रय केंद्रों में कैद बेजुबान चारे पानी व समुचित छाव की व्यवस्था ना होने से तड़प तड़प कर मरने को मजबूर हो रहे हैं। साथ ही बारिश के मौसम में पशु आश्रय केंद्रों में कैद बेजुबान तरह तरह की बीमारियों से भी जूझ रहे हैं। जिसका भी कोई समुचित उपाय नहीं है। वहीं पशुआश्रय केंद्रों पर चौकीदारी कर रहे ग्रामीणों को अभी तक कई महीने की मजदूरी तक मयस्सर नही हो पाई है जिससे उनमे जिम्मेदारो की लापरवाही को लेकर खाशा रोष ब्याप्त है । इतना ही नही गौशालाओं के पर्याप्त ना होने व जो भी हैं उनका नियमानुसार संचालन ना होने के चलते आवारा पशुओं का आतंक किसानों के खेतों से लेकर हाइवे तक इन दिनों चरम पर ब्याप्त है। शायद ही कोई ग्राम सभा हो जिसमें आवारा पशुओं का आतंक ब्याप्त न हो
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जिससे क्षेत्रीय किसानों व ग्रामीणों में जिम्मेदारो की घोर लापरवाही को लेकर खाशा रोष पनप रहा है । उदाहरण के तौर पर ग्राम सभा नारायणपुर व दराब नगर बरकोता में पशु आश्रय केंद्र तो बना है लेकिन उसमें आज तक पशुओं के रखवाने की व्यवस्था नहीं हो सकी है जिससे इन गांवों के किसानों को किसी भी प्रकार से राहत नहीं मिल सकी है साथ ही इन गाँव में बनी सड़क व चौराहे पशुओ के झुंडों से भरे रहते है।
इन्ही सब कारणों का नतीजा है कि आवारा घुमंतू जानवरो का आतंक किसानों की फसलों पर है और किसानों की हजारों बीघे भूमि परती पड़ी है । जिससे क्षेत्रीय किसानों व ग्रामीणों में जिम्मेदारो के मनमाने रवैये को लेकर खाशा रोष ब्याप्त है।
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