दरभंगा : बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उर्वरक बिक्रेता अनुज्ञप्ति लेने हेतु समेकित पोषण प्रबन्धन विषय पर पन्द्रह दिवसीय प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मंगलवार को समारोह पूर्वक प्रारम्भ हो गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने करते हुए कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार यह प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषि स्नातक या रसायनशास्त्र के डिग्रीधारी नहीं भी है, वैसे लोगों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद उर्वरक विक्रेता उर्वरक के समुचित उपयोग व उसके लाभ के बारे में भी किसानों को समुचित परामर्श देंगे।
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प्रशिक्षणार्थियों को 44 विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिसमें मिट्टी जांच के लिए नमूना लेने का तरीका, केंचुआ खाद वर्मी कम्पोस्ट बनाने, उर्वरक का उपयोग, उर्वरक की गुणवत्ता, विभिन्न फसलों में उर्वरक की गुणवत्ता की परख, सुक्ष्म जीवाणु, जल की गुणवत्ता, विभिन्न फसलो में उर्वरक की आवश्यकता आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने इस प्रशिक्षण के माध्यम से जिला के सभी प्रखंडों में केभीके मित्र का चयन किया जायेगा। कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधि संपूर्ण जिलों के किसानों के बीच होगी। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एपी राकेश ने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण में 17 विषय के विशेषज्ञ वैज्ञानिक समेत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा से निर्देशक भी इन प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देंगे।
कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डॉ. आरपी प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक मुकेश कुमार, वैज्ञानिक रंभा कुमारी, गृह वैज्ञानिक डॉ. सिमा प्रधान, वैज्ञानिक अरुणचन्द्र आदि मौजूद थे।