राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र में दोबारा भाजपा की सरकार बनने के बाद नेतृत्व में दिखने वाले अहंकार से जहां संघीय व्यवस्था को आघात पहुंच रहा है, वहीं विदेशों तक में भारत की छवि धूमिल हो रही है। संविधान की प्रस्तावना में सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। भाजपा इन विचारों से अलग अपनी खिचड़ी पकाने में लग गई है।
इससे देश की एकता और सौहार्द को खतरा पैदा हो गया है।
अखिलेश ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि भाजपा और आरएसएस दोनों अपने सांप्रदायिक एजेंडा के लिए जाने जाते हैं। उनकी धर्म की राजनीति ने देश में सामाजिक सद्भाव को बहुत क्षति पहुंचाई है और समाज को बांटने का काम किया है। भाजपा की केंद्र सरकार ने सीएए के बाद एनपीआर और एनआरसी कानून लाने का इरादा घोषित कर रखा है। सीएए और एनआरसी को जोड़कर एक ऐसी यंत्रणा बनाई जा रही है जो संविधान के अनुच्छेद-14 में दिए गए अधिकार का हनन करती है। इसके खिलाफ देश-विदेश में भारतीयों के बीच गहरा आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कुनीतियों के चलते आज सीएए पर दुनिया के सामने भारत को सफाई देनी पड़ रही है। कोई इसे भारत का आंतरिक मामला मानने को तैयार नहीं है। यूरोपीय संघ की संसद में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रस्ताव पास किए गए हैं।
अमेरिका के कुछ सांसदों ने भी विरोध में अपनी आवाज दर्ज कराई है। भाजपा की हठधर्मी का राज्यों में भी तीब्र विरोध शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों ने भी सीएए लागू करने से इंकार किया है।