-रंगभारती संस्था की ओर से उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य राम नाईक को मिला भारतीय तिलक सम्मान
– लविवि के मालवीय सभागार में आयोजित हुआ राम नाईक का नागरिक अभिनंदन समारोह
राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। 24 जनवरी वर्ष 1950 में यह प्रदेश उत्तर प्रदेश के नाम से जाना गया। उसके बावजूद 68 साल तक उत्तर प्रदेश दिवस धूमधाम से नहीं मनाया गया था। मेरा सौभाग्य है कि मेरे राज्यपाल रहते हुए पहली बार उत्तर प्रदेश दिवस धूमधाम से मनाया गया। मैं चाहता हूं इस प्रदेश के शहर से लेकर हर गांव में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का समारोह धूमधाम से मनाया जाए। यह बातें पूर्व प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहीं। शनिवार को लिविव के मालवीय सभागार में अपने नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में उन्होंने अपने राजनीतिक व सामाजिक सफर के बारे में बताया। रंगभारती संस्था व उत्तर प्रदेश नागरीय परिषद की ओर आयोजित इस कार्यक्रम में राम नाईक को भारतीय तिलक सम्मान से नवाजा गया। वहीं समाज में उत्कृष्ठ कार्य कर रहे लोगों को भी संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने उद्धबोधन में कहाकि ही बदल दी हो, राम नाईक हमारे बहुत पुराने साथी हैं, उनका राजनीतिक स्तर काफी ऊंचा रहा है। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने इस प्रदेश बहुत स्नेह पाया है, उसी का नतीजा है कि यहां इतने शुभचिंतक मौजूद हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ राजनेता अम्मार रिजवी ने राम नाईक के व्यक्तित्व पर चर्च करते हुए कहाकि लोगों में बहुत ही गलत धारणा थी कि राज्यपाल सिर्फ राज्यभवन में आराम करने आते हैं, लेकिन राम नाईक ने लोगों धारणा को गलत साबित कर दिया।
आज जितने वह मुबईवासियों के हैं, उतने ही उत्तर प्रदेश वासियों के भी है। कार्यक्रम में सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, महेंद्र सिंह, महापौर संयुक्ता भाटिया व लिविव के कुलपित प्रो. आलोक कुमार राय ने भी अपने विचार रखें। आयोजक श्याम कुमार ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनीता सहगल ने किया। -राम नाईक की धड़कनों का भी रखा हिसाब-किताब समारोह में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ने राम नाईँक की उम्र के साल, दिन, घंटे, मिनट, सेकेंड के साथ धड़कन का विवरण दिया तो, सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। संस्कृत के श्लोक और लखनऊ के जबान के उनके संबोधन को सुन सभागार में मौजूद लोगों ने उनमें एक मुख्यमंत्री की छवि होने के भी संकेत दे दिए।
-इनको भी मिला सम्मान संस्कृत के विद्वान ओमप्रकाश पांडेय को ‘कालिदास रंगभारती सम्मान, संजय गांधी स्नातकोत्तरआयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान को ‘धन्वंतरिरंगभारती सम्मान, नृत्यांगना पूर्णिमा पांडेय को ‘उदयशंकर रंगभारतीसम्मान, प्रसिद्ध चित्रकार डॉ. इंदुप्रकाश ऐरन को ‘नंदलाल बोस रंगभारतीसम्मान, शास्त्रीय गायिका कमला श्रीवास्तव को ‘जगजीत सिंह रंगभारतीसम्मान, अवकाशप्राप्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी को‘डॉ. जनार्दन दत्त शुक्ल रंगभारती सम्मान, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिसमहानिदेशक सुलखान सिंह को ‘विश्वनाथ लहरी रंगभारती सम्मान, वरिष्ठसमाजसेवी शशांक श्रीवास्तव को ‘धर्मकिशोर रंगभारती सम्मान, नारीसशक्तीकरण में डॉ. अनीता सहगल को ‘अनारकली देवी रंगभारती सम्मान दिया गया।