सूरज अवस्थी, लखनऊ। रायबरेली उन्नाव तीनों सीमाओं पर स्थित प्रसिद्ध बाबा भवरेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध बाबा भोलेनाथ का दरबार हजारों साल पुराना यह मंदिर रायबरेली लखनऊ और उन्नाव तीनों बॉर्डरो के करीब से निकलने वाली सईं नदी के तट पर बना हुआ है वहां के पुजारी ने बताया कि द्वापर युग में पांडवों ने इस मंदिर की स्थापना की थी एक बार औरंगजेब ने जब मंदिरों को लूटता हुआ इस मंदिर पर लूटने के इरादे से पहुंचा और उसकी सेना भोलेनाथ की मूर्ति को तोड़ने लगी लेकिन तभी एक चमत्कार हुआ उस शिव मूरत से लाखों की संख्या में भंवरे निकलने लगे और भंवरों के झुंडो ने औरंगजेब की सेना पर आक्रमण कर दिया जिसके फलस्वरूप औरंगजेब को उस मंदिर से अपनी सेना सहित भागना पड़ा तभी से इस मंदिर का नाम भवरेश्वर मंदिर धाम पड़ा यहा के आसपास के लोगों की आस्था का केंद्र तो है ही ।
किंतु भवरेश्वर मंदिर के दर्शन करने बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं जब आए हुए भक्तों से जानकारी करना चाहा तो पता चला गोंडा से आया हूं कोई बता रहा मैं बहराइच से आया हूं बाबा की बड़ी शक्ति है कोई लखनऊ से बाबा सभी की मनोकामना पूर्ण करते है लोगों का कहना है कि सच्चे मन से मांगी हुई इच्छा बाबा भवरेश्वर धाम में अवश्य पूरी होती है आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक करते हुए भोले बाबा के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त किया वही किसी प्रकार की कोई अपप्रिय घटना ना होने पाए इसके लिए सई नदी के किनारे बने घाटों से लेकर पूरे मेले में उपजिला अधिकारी महाराजगंज और क्षेत्राधिकारी महाराजगंज की निगरानी में पुलिस प्रशासन चारों तरफ पुलिस मुस्तैद रहे वही उन्नाव जिले की भी पुलिस अपने बॉर्डर पर पूरी तरीके से मुस्तैद रहे और निगोहा पुलिस वे अपने क्षेत्र में पूरी तरीके से मुस्तैद दिखी