दरभंगा : बहादुरपुर प्रखण्ड के मध्य विद्यालय, कुमरौली में क्वारंटाइन किये गये अप्रवासी मजदूर विनोद यादव के आत्महत्या कर लिये जाने की सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम., वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम एवं अन्य वरीय पदाधिकारी ने तत्क्षण घटना स्थल पर जाकर पूरी मामले का जायजा लिया।
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जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को 3.30 बजे अप. यह सूचना प्राप्त हुई थी. वे लोग वहां तुरंत प्रश्थान किये. वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा मृतक के परिवार के सदस्यों एवं वहाँ प्रतिनियुक्त चौकीदार, स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि से पूछ-ताछ किया गया। चौकीदार द्वारा बताया गया कि कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर देश व्यापी लॉक डाउन अवधि में विनोद यादव विगत 10 अप्रैल 2020 को दिल्ली से चलकर यहाँ आया था और उन्हें मध्य विद्यालय, कुमरौली में क्वारंटाइन किया गया था। वे कमरे में अकले रह रहे थे और उनके बगल वाले कमरे में दो अन्य व्यक्ति क्वारंटाइन किये गये थे। स्कूल में उन्हें भोजन, आवासन, चिकित्सा की सारी सुविधाएँ प्रदान की जा रही थी।
सोमवार को विनोद यादव बहुत देर तक कमरे में बंद रहे। संदेह होने पर कमरे में जाकर देखा गया तो वे कमरे में मृत पाये गये। उन्होने गले में गमछा लगाकर कमरे की खिड़की के सहारे आत्महत्या कर लिये थे।
पूछ-ताछ के क्रम में ग्रामीणों एवं उनके परिजनों द्वारा बताया गया कि पिछले होली त्यौहार के अवसर पर वे गांव में आये थे, तो इनका टी.बी. (यक्ष्मा) बीमारी का ईलाज हुआ था, इनके मुंह से खून भी निकला था। परिजनों का कहना है कि टी.वी. बीमारी के चलते वे काफी तनाव में रहते थे।
क्वारंटाइन होम में आवासन के दौरान चिकित्सकों द्वारा इनकी जांच की गई थी और इनकी कॉंसेलिंग भी की गई थी तो इसके टी.बी. बीमारी के चलते तनाव में रहने की बातें भी सामने आई थी।
इनको राशन कार्ड भी उपलब्ध था और इनके परिवार को राशन मिल रहा था। साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत इनके माता को वृद्धावस्था पेंशन भी मिल रहा था। उन्हें सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सारी सुविधाएँ प्राप्त हो रही थी।
प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इनके आत्महत्या करने के पीछे इनका टी.बी. रोग एवं परिवारिक कारण हो सकता है। जिलाधिकारी के निदेश पर मृतक के परिजन को मुख्यमंत्री परिवार कल्याण योजना एवं कबीर अंत्येष्ठी योजना के तहत लाभ प्रदान कर दिया गया है।
जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया गया है कि हर प्रकार की सरकारी सहायता उन्हें प्रदान की जाएगी।