डेस्क : कोरोना के संक्रमण काल में रोजी-रोटी पर संकट अब सुसाइड का कारण बन रहा है। मंगलवार को राजधानी पटना में सुसाइड की घटना लॉक डाउन में नौकरी पर आफत आने को लेकर हुई है।
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लॉक डाउन में नौकरी छूटने के बाद आई तंगी के कारण घर के बाथरूम में गमछा से वेंटिलेटर में फंदा लगाकर लटक गए। इस घटना में उनकी मौत हो गई। घटना जगदेव पथ की है। पटना मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद शव को मंगलवार दोपहर परिजनों को सौंप दिया गया।
नौकरी छूटने के बाद तनाव में थे धनंजय
जगदेव पथ निवासी खुशी ने मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज के टीओपी प्रभारी अमित कुमार को दिए बयान में कहा है कि उसके पति धनंजय पहले गुड़गांव में एक टेलीकॉम कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर का काम कर रहे थे। बाद में वह टेलीकॉम कंपनी की नौकरी छोड़ कर गुड़गांव से पटना आ गए। वह पटना में ही एक निजी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर काम करने लगे। लॉक डाउन के कारण यह नौकरी भी छूट गई, जिससे पूरा परिवार तंगी के कगार पर आ गया। इस घटना से खुशी के पति हमेशा चिंता में रहते थे। वह नौकरी को लेकर परेशान रहने लगे। घर वाले काफी समझाए-बुझाए, लेकिन वह बार-बार तंगी का हवाला देकर भविष्य को लेकर चिंता में रहने लगे।
- मृतक की पत्नी का बयान दर्ज किया गया है। उन्होंने नौकरी छूटने के तनाव में सुसाइड करने की बात बयान में दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को दिया गया है। – अमित, टीओपी प्रभारी, पीएमसीएच
दरवाजा तोड़ा तो देखा फंदे पर था धनंजय
मृतक की पत्नी का कहना है कि वह दोपहर में बाथरूम गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो खुशी परेशान हो गई। आवाज लगाने के बाद भी जब कोई हलचल नहीं हुई तो उन्हें लगा कि कहीं तबियत तो नहीं खराब हो गई। उसने चींखते-चिल्लाते हुए सास-ससुर को बुलाया और जब दरवाजा तोड़ा गया तो धनंजय बाथरूम के वेंटिलेटर में गमछा का फंदा बनाकर उसपर लटके हुए पाए गए। खुशी का कहना है कि ऐसा लगा सांस चल रही है और आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।