राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अध्यादेश के जरिए मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने वाले यूपी श्रम अधिनियमों में बदलाव रद्द होने चाहिए।
इसके जरिए तीन साल की लंबी अवधि तक मजदूरों का शोषण संभव है। उन्होंने कहा कि आज मजदूर अपनी आजीविका को लेकर अनिश्चितता,भय और भूख के मंझधार में फंसा है।
शिवपाल ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अध्यादेश के माध्यम से श्रम कानूनों में किए गए तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने वाले ‘श्रम-कानून के अधिकांश प्रावधानों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। क्या आपदा की कीमत केवल मजदूर चुकाएंगे?देश के विभिन्न शहरों में रह रहे प्रदेश के अधिकांश मजदूरों व कामगारों को आश्वासन के बावजूद आधा या पूरा पारिश्रमिक नहीं प्राप्त हुआ है।ऐसे में लाचार श्रम कानूनों को और सख्त करने की जरूरत थी। सरकार ने उल्टे इसे और लचर कर दिया।