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8 जून से खोले जा रहे धर्मस्थल,एक बार में 5 से ज्यादा श्रद्धालु अंदर नहीं जाने दें : मुख्यमंत्री

राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि कोरोना  संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना आवश्यक है।

धर्मस्थलों को खोले जाने से पूर्व प्रशासन व पुलिस के अधिकारीगण धर्मस्थलों के प्रबन्धन से जुड़े लोगों से संवाद बनाए तथा  उन्हें सभी सावधानियां बरतने को कहा जाए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक धर्म स्थल पर सेनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था रहनी चाहिए।  धर्मस्थल के अन्दर एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु न हों। धर्म स्थल में प्रतिमा अथवा धार्मिक ग्रन्थों को कोई भी स्पर्श न करे। धर्म स्थलों के परिसर में श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर न जाएं। जूता-चप्पल रखने के लिए धर्म स्थल की व्यवस्था से जुड़े लोग इस सम्बन्ध में समुचित इन्तजाम करें। उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि लोग यथा-सम्भव अपने वाहन आदि में जूता-चप्पल उतारने के बाद ही धर्म स्थल की ओर प्रस्थान करें।
मुख्यमंत्री  ने यह सभी निर्देश शुक्रवार को टीम 11 की मीटिंग में दिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे समस्त मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों से प्रतिदिन सीधे संवाद कर कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों को पीने के लिए गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने उद्योग बन्धु, पिकप आदि संस्थाओं को उद्योगों के संचालन की अनुकूल परिस्थितियां सृजित करने के सम्बन्ध में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश भी दिए।


 जिन जनपदों में विभिन्न राज्यों से वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों की संख्या 25 हजार या उससे अधिक है, वहां स्किल मैपिंग कार्य तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने प्रदेश वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों तथा एमएसएमई इकाइयों के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक प्रभावी योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने नोडल अधिकारियों को सम्बन्धित प्रदेश सरकारों से सम्पर्क कर उन राज्यों से वापसी के इच्छुक लोगों की सूची प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि ट्रेनों की व्यवस्था की जा सके।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि डिजिटल पेमेंट सुविधाजनक होने के साथ-साथ वर्तमान परिस्थितियों में संक्रमण को रोकने में भी उपयोगी है। यह सुविधा ज्यादा से ज्यादा लोग अपनाएं, इसके लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। इस कार्य योजना को लागू करते हुए रेहड़ी, खोमचे वालों आदि को डिजिटल बैंकिंग से जोड़ने का कार्य किया जाए। ऐसे प्रयास किए जाएं कि जिन्हें रोजगार प्राप्त हो, वे डिजिटल बैंकिंग से भी जुड़ें।

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