दरभंगा : जिले के तारडीह प्रखंड प्रमुख अन्नू रानी देवी ने बाढ़ नियंत्रण के कार्य में लगे वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखकर जिला के तारडीह प्रखंड स्थित सुतहरिया घाट पुल निर्माण में हुई अनियमितता को लेकर आपत्ति व्यक्त किया है।
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अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि बाढ़ को देखते हुए मुख्यमंत्री स्वयं संवेदनशील और गंभीर हैं। वहीं दूसरी तरफ विभागीय मंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं, विभाग के प्रधान सचिव से लेकर डीएम तक, मुख्य अभियंता से लेकर आपदा विभाग के प्रधान सचिव तक बाढ़ को देखते हुए किसी भी तरह की शिकायत ना आए इसको लेकर प्रतिदिन पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक के साथ बैठक कर रहे हैं। दूसरी तरफ खुलेआम फ्लड कंट्रोल डिविजन -2 के द्वारा नियम को ताख पर रखकर, जनता के हीत को दरकिनार किया जा रहा है।
- 2 करोड़ 60 लाख से कमला के पेट में बने तारडीह झंझारपुर को जोड़ने वाली सुतहरियाघाट पूल निर्माण के तीसरे ही दिन ध्वस्त
- प्रखंड प्रमुख अन्नू रानी देवी ने पूल में अनियमितता और लूट खसोट का आरोप लगाया
- क्षतिग्रस्त पूल के पुनर्निर्माण में जुट गए मजदूर
ताजा मामला जो सामने आया है उस से सीतामढी के सत्तारघाट पूल कि याद ताजा हो जाती है। दरभंगा एवं मधुबनी जिला के बीच कमला के पेट से होकर गुजरने वाली सड़क में सुतहरियाघाट पुल के नजदीक ह्यूम पाईप पुल का निर्माण बाद नियंत्रण डिविजन 2 के द्वारा 2.60 करोड़ की लागत से किया गया था ।परंतु कार्य की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस पुलिया का निर्माण नौ-दस जुलाई को पूर्ण किया जाता है। वह 13 जुलाई को पूर्णरूपेण क्षतिग्रस्त हो जाता है।
पुनः विभाग द्वारा आनन-फानन में तीन संवेदक को फ्लर्ट फाइटिंग का कार्य देकर बोरा में मिट्टी भरकर क्षतिग्रस्त स्थान को भरवाया जाता है। और महज चार दिन के बाद 18 जुलाई को कनीयअभियंता की उपस्थिति में उक्त मिट्टी भरे बोरा को अन्यत्र जगह कार्य में उपयोग हेतु उठा लिया जाता है । उक्त जगह पर पुनः सरकारी राशि का गवन हेतु झामा एवं ईंट का टुकड़ा डाला जा रहा है।इससे प्रतीत होता है कि विभाग द्वारा एक ही सामग्री का कई जगह उपयोग दिखाकर सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।