राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि संत रविदास की समता, बंधुत्व, सौहार्द और ऊंच-नीच के विरोध की विचारधारा को अपनाने और आगे बढ़ाने के लिए समाजवादी कृतसंकल्प हैं।अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी कार्यालय में संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अखिलेश ने कहा कि संत रविदास समाज सुधारक थे, महान क्रांतिकारी थे और स्वतंत्र चिंतक थे।
उन्होंने कर्मकाण्ड और अंधविश्वासों का डटकर विरोध किया। समाज को एक नई दिशा दी। एकता, भाईचारा और समानता का संदेश दिया। उनका कहना था कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मानव-मानव में भेद नहीं करना चाहिए। मानव सेवा ही वास्तविक धर्म है। श्री यादव का यह भी कहना है कि संतरविदास ने अपना कोई पंथ स्थापित नहीं किया किन्तु उनके अनुयायी देश के हर हिस्से में मिलते हैं। गुरुग्रंथ साहब में भी उनके पद संगृहीत है।
मीराबाई सहित अनेक महिलाओं के लिए संत प्रवर ने अध्यात्म के मार्ग खोले। वे कहते थे कि श्रम की प्रतिष्ठा और श्रम साधना ही संसार में सुखशांति का सरल साधन है। भक्ति और सत्संग में रमे रहने के बावजूद वे आजीविका के लिए पुश्तैनी धंधा करते रहे थे।