लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना काल में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के काम के लिए नई व्यवस्था दी है। उनका कहना है कि अधिकारी कोविड संबंधी कार्यों के साथ-साथ जनता की समस्याओं का समाधान भी करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को अनलाक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि डीएम रोजाना सुबह 9 से 10 बजे तक कोविड-19 से संबंधित कार्यों की समीक्षा करेंगे। उसके बाद 11 बजे तक शासकीय कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे। पूर्वान्ह 11 से अपरान्ह 1 बजे के दौरान अपने कार्यालय में जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुनें। इसी प्रकार की व्यवस्था तहसील एवं विकास खण्ड स्तर पर भी लागू की जाए। अपरिहार्य परिस्थितियों में जिलाधिकारी अथवा तहसील में उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति की दशा में कोई अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस शेड्यूल के अनुरूप कार्यवाही करे। उन्होंने पुलिस के स्तर पर भी इसी प्रकार की व्यवस्था लागू किए जाने के निर्देश दिए।रोजाना डेढ़ लाख टेस्ट के लिए मैनपावर की व्यवस्था की जाए मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए रैपिड एन्टीजन टेस्ट व आरटीपीसीआर मशीन से किए जाने वाले टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाए। एक लाख 50 हजार कुल टेस्ट किए जाने के लिए आवश्यक मैनपावर की व्यवस्था की जाए। सर्विलांस को बेहतर करने के साथ ही, इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नीट और जेईई परीक्षाओं के आयोजन का समर्थन करती है। 9 अगस्त, 2020 को राज्य में बी0एड0 की प्रवेश परीक्षा में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इस परीक्षा में कहीं से संक्रमण की कोई समस्या संज्ञान में नहीं आयी। इसी प्रकार लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश की परीक्षा भी सम्पन्न कराई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। मलेरिया के कुछ मामले वाले जिलों में मेडिकल टीम भेजी जाए। किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान में शिथिलता बरतने वाली चीनी मिलों पर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में अवकाश पर रहने वाले कार्मिकों तथा अस्वस्थ कार्मिकों को छोड़कर कार्यालय अवधि में प्रत्येक समय 50 प्रतिशत कर्मियों की उपस्थिति प्रत्येक दशा में रहनी चाहिए। उन्होंने समस्त अपर मुख्य सचिवों व प्रमुख सचिवों से कहा कि वह अपने अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालयों का निरीक्षण करें और सुबह साढ़े नौ बजे अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाए।