राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। प्रदेश में एक और अनाज घोटाला सामने आया है। राज्य भंडारागार निगम कर्मचारियों की मिली भगत से करोड़ों रुपये के अनाज का बंदरबांट कर दिया गया। इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में एफआईआर दर्ज की गई है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है। यह घोटाला लगभग 12 करोड़ रुपये का है।
खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री राघवेंद्र सिंह ‘धुन्नी’ ने बताया कि अलग अलग जिलों में निगम कर्मचारियों द्वारा की गई गड़बड़ियों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जिन जिलों में घपला किया गया है उसमें मऊ, आजमगढ़, बलिया, प्रतापगढ़, देवरिया, हरदोई, बदायूं, अलीगढ़ और सहारनपुर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में इन जिलों में संबंधित निगम कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इस मामले में मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने के निर्देश दिए थे।
धुन्नी सिंह ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2015-16, 2017-18 व 2018-19 में मऊ, बलिया और आजमगढ़ में विक्रेता एचएन सिंह ने 6 करोड़ 87 लाख रुपये का गबन किया। जबकि इन्हीं जिलों में इसी अवधि में मंडल प्रभारी विद्यानंद पाठक ने 2.24 करोड़ रुपये गबन किया। यह दोनों ही कर्मचारी निलंबित हैं और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि आजमगढ़ में खिचड़ू राम, प्रतापगढ़ में अजब नारायण त्रिपाठी और चंद्र विशाल त्रिपाठी द्वारा 2015 से 2019 के बीच 28.76 लाख का गबन किया गया। बदायूं में अशोक कुमार सक्सेना, प्रमोद कुमार गुप्ता, अशोक कुमार यादव और प्रदीप कुमार सागर के खिलाफ भी मुकदमा कायम किया गया है। बदायूं में लगभग 77 लाख रुपये का घोटाला 2018-19 के बीच हुआ है।
अलीगढ़ में अमित प्रताप सिंह राणा द्वारा 2019-20 में 16.68 लाख रुपये, मऊ में रितेश मिश्रा द्वारा 20 लाख रुपये, हरदोई में नागेश्वर पाठक द्वारा 34 लाख रुपये, देवरिया में श्रीप्रकाश द्वारा 36 लाख रुपये और सहारनपुर में नरेंद्र प्रताप द्वारा 85 हजार रुपये का गबन किया गया।
धुन्नी सिंह ने बताया कि इसमें तीन कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इन लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। रिटायर हो चुके कर्मियों में खिचड़ू राम, अशोक कुमार सक्सेना और श्रीप्रकाश उपाध्याय शामिल हैं।