दरभंगा (विजय सिन्हा) : मिथिला मैथिली के विकास में विभिन्न स्तरों पर हो रही कोताही के प्रति आम मैथिल को जागरूक करने एवं मिथिला के परिसीमन को लेकर किए जा रहे दुष्प्रचार के प्रति उन्हें सचेष्सट करने के लिए विद्यापति सेवा संस्थान एवं अंतर्राष्ट्रीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को मिथिला राज्य परिसीमन यात्रा की शुरुआत श्यामा मंदिर परिसर से की गई। युवा मैथिल आशीष चौधरी की अगुवाई मे निकली यात्रा विभिन्न जिलाओं की यात्रा करते हुए 21 नवम्बर को पुन: श्यामा मंदिर पहुँचकर समाप्त होगी।
यात्रा पर निकलने वाले मिथिला मैथिली के युवा चिंतकों को विदा करते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा0 बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’ ने कहा कि मिथिला के लोगों के शांतिप्रिय स्वभाव के कारण हमेशा उन्हें छला गया है। शांतिप्रिय होने के कारण उन्होंने कभी विरोध का स्वर मुखर नहीं किया और रोजगार की खोज में लाखों मैथिल पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इस यात्रा से उन्हें उम्मीद जगी है कि मिथिला के लोगों की यात्रा से जागरूकता बढ़ेगी और विकास की स्थिति कायम करने के लिए आम मैथिल संगठित होंगे। पूर्व विधान पार्षद डा0 विनोद कुमार चौधरी ने मिथिला में उपलब्ध विकास की संभावनाओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब यहां के युवा संगठित हो जाएंगे और विकास की कुंजी उनके हाथ में चली आएगी ।
इस अवसर पर मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक एवं नासिक से प्रकाशित मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश पत्रिका के संपादक पंडित अजय नाथ झा शास्त्री ने कहा कि सत्ताधारी दल चाहे केंद्र की हो या राज्य की उन्होंने भले ही इस इलाके के वोट से गद्दी संभाली हो लेकिन कभी उन्होंने यहां के विकास की चिंता नहीं की। यह इस क्षेत्र का दुर्भाग्य रहा है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए उपयुक्त अवसर का यहाँ सर्वथा अभाव रहा है। रोजगार की कमी रही है और इस कारण यहां के युवा मिथिला से बाहर पलायन करने को न सिर्फ मजबूर हो रहे हैं बल्कि इसका अनेक रूप में मिथिला को दंश झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सिनेट सदस्य डाॅ राम सुभग चौधरी ने कहा कि मिथिला में विकास की संभावनाएं असीमित हैं। बावजूद इसके विकास कार्यक्रमों के समुचित क्रियान्वयन नहीं होने के कारण देश का यह इलाका लंबे समय से पिछड़ने को मजबूर है। मणिकांत झा ने कहा की उपेक्षा और अपमान का घूंट पीते पीते यहां के लोगों का मन अब भर चुका है। लोग अब यह समझने लगे हैं कि जब तक इस क्षेत्र का विकास नहीं होगा उनका समुचित विकास संभव नहीं है। वपलेा समझने लगे हैं कि पलायन एक टिकाऊ विकल्प नहीं हो सकता है अब यहां के युवा जाग चुके हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्दी ही युवा शक्ति के भरोसे विकास का एक नया अध्याय यहां गढ़ा जाएगा।
कार्यक्रम को अयोध्या नाथ झा, मुरारी मोहन झा, राम नारायण झा, उदय शंकर मिश्र, सीएम झा पड़वा, प्रवीण कुमार झा, दुर्गा नंद ठाकुर, हरेकृष्ण चौधरी, पवन कुमार मिश्रा, विनोद कुमार झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, जीव कांत मिश्र, चंदन एवं बालेंदु झा सहित गणेश कांत झा ने भी संबोधित किया।