दरभंगा : रक्त दान महादान है। इससे रक्त ग्रहण करने वालों के प्राण की रक्षा होती है तो रक्त दान करने वाले के स्वस्थ्य को भी लाभ होता है। सभी बीमारियों से मुक्त व्यक्ति ही रक्त दान कर सकता है। अतः वह भाग्यवान होता है। ल0ना0 मिथिला विश्वविद्यालय में याद करो कुर्वानी के तहत मनाये जा रहे स्वतंत्रता सप्ताह के अंतिम दिन मंगलवार को विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र् में आयोजित रक्त दान शिविर का फीता काटकर उद्घाटन करने के बाद कुलपति प्रो साकेत कुशवाहा ने ये बातें कहीं।शिविर का आयोजन यूनेस्को क्लब आफ दरभंगा सिटी, एनएसएस और एनसीसी के संयुक्त त्वावावधान में हुआ। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र में सालभर के अंदर यह तीसरा रक्तदान शिविर है। इसके अलावा यहाँ समय समय पर स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन होता रहा है।
वहीं प्रतिकुलपति प्रो सैयद मुमताजुद्दीन ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्रों को औपचारिक रूप से मृत घोषित कर रखा है लेकिन यह स्वास्थ्य केन्द्र् सालभर सक्रिय रहकर मरीजों को अपनी सेवा देता रहता है। दूसरी नैक और यूजीसी टीम जब आती है तो सबसे पहले स्वास्थ्य केन्द्र ही देखतघ है और संतोषप्रद पाये जाने पर प्वाइंट देती है। उन्होने कहा कि दूसरे की प्राणरक्षा के लिये रक्तदान सबसे उपयोगी दान है। रक्तदान कार्यक्रम ब्लड बैंक के प्रभारी डा ओपी चौरसिया,डा संजीव कुमार, स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डा गीतेन्द्र ठाकुर, डा नूतन राय सहित तकनीशियनों की देखरेख में हुआ।