राज प्रताप सिंह,लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के नाम पर भ्रम उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को सवाल किया कि आखिर देश की छवि खराब करके आप क्या पाना चाहते हैं। योगी ने विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर तंज किया, ‘आज भी तो आप सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुद्धिमान व्यक्ति बार-बार ठोकर नहीं खाता। आप सीएए, एनपीआर और एनआरसी के नाम पर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। आप समाज की अपूरणीय क्षति कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ी इस कृत्य के लिये कभी माफ नहीं करेगी।’
उन्होंने कहा, ‘आखिर संशोधित नागरिकता कानून को लेकर इतना बड़ा बवाल क्यों? मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर देश की छवि को खराब करके आप क्या पाना चाहते हैं? आप प्रदेश के विकास को रोक रहे हैं। देश की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष का रवैया बहुत गैर जिम्मेदाराना है।’ इसी बीच, किसी विपक्षी सदस्य ने कुछ कहना चाहा, तभी योगी बोले, ‘आप एक बात को नोट कर लें.. किसी गलतफहमी का शिकार होंगे…. कयामत का दिन कभी नहीं आएगा… कानून को बंधक बनाकर अपने अनुसार चलाएंगे तो यह कभी नहीं हो पाएगा।’
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा, ‘सीएए के मुद्दे पर हमने कभी नहीं कहा कि हम धरना-प्रदर्शन नहीं करने देंगे। हमने कहा कि आप शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन दे दीजिए, लेकिन आगजनी करेंगे तो सम्पत्ति से वसूली भी करेंगे। क्योंकि ये मेरे घर की प्रॉपर्टी नहीं है। इस पर सपा के इकबाल महमूद ने खड़े होकर कहा कि आप सबके मुख्यमंत्री हैं। सिर्फ भाजपा के मुख्यमंत्री नहीं हैं। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सदन में बोल रहे हैं। बीच में बोलना ठीक नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के कहने पर महमूद बैठ गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सम्मान की भाषा में विश्वास करती है। प्रदेश में लोकतांत्रिक अधिकारों की छूट है, मगर सरकार इन अधिकारों की आड़ में आगजनी और तोड़फोड़ करने की छूट नहीं देगी। जिसने किया है उससे वसूली भी करेगी। योगी ने कहा कि सीएए के नाम पर विरोध प्रदर्शन अनावश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि वर्ष 1955 में कांग्रेस के बनाए गए कानून में सिर्फ एक संशोधन करके शरणार्थियों के लिए 11 के स्थान पर छह वर्ष रहने की बात कह दी गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में वह हर कानून लागू होगा जो देश की संसद पारित करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम ‘नेशन फर्स्ट’ को मानने वाले लोग हैं। हमारे लिए कोई परिवार या व्यक्ति नहीं बल्कि देश पहले है।’