(राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो) डीजीपी एचसी अवस्थी ने विवेचना में वैज्ञानिक साक्ष्यों का इस्तेमाल बढ़ाने और डीएनए जांच के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत जैविक साक्ष्य जुटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिला स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन कर विवेचनाधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जाए। प्रदेश के सभी जोनल एडीजी, दोनों पुलिस कमिश्नरों, आईजी-डीआईजी रेंज और जिलों के पुलिस कप्तानों को भेजे दिशा-निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि अपराधों की विवेचना में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों के समावेश तथा वैज्ञानिक परीक्षण से प्राप्त निष्कर्ष के महत्व को देखते हुए डीएनए परीक्षण के लिए जैविक साक्ष्यों के संकलन, परिरक्षण एवं प्रेषण की निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन कराया जाए।
इसके तहत विवेचनाधिकारी द्वारा फील्ड यूनिट के सहयोग से घटनास्थल का सूक्ष्मता से अध्ययन कर सभी महत्वपूर्ण जैविक साक्ष्यों को संकलित किया जाए। महिलाओं व बालिकाओं के प्रति ऐसे अपराध, जिनमें जैविक साक्ष्य संग्रहीत किया गया हो, उसमें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पीड़िता को तत्काल चिकित्सीय परीक्षण के लिए चिकित्सालय भेजकर आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि विवेचनाधिकारी घटनास्थल को सुरक्षित करते हुए साक्ष्य व सैम्पल संकलन, महिला संबंधी अपराधों में पीड़िता, मृतका एवं अभियुक्त से संबंधित साक्ष्यों का संकलन करते हुए उसे तत्काल चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराया जाए। संकलित सैम्पल को निर्धारित समय में विधि विज्ञान प्रयोगशाला को प्रक्रिया के अनुसार जमा कराया जाए।