पटना : अपराह्न दो बजे से ही व्रती गंगा के तट पर आने लगे थे। दूर के लोग अपने-अपने वाहन से नदी किनारे पहुंच रहे थे, तो घाट के आसपास के मोहल्ले के लोग पैदल ही नदी की धारा तक पहुंच रहे थे। नदी किनारे आने वाली महिलाएं छठी माई एवं भगवान भास्कर के गीत गातीं आ रही थीं। लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन आज अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा।शनिवार को व्रतियों ने खरना किया। दिनभर उपवास के बाद शाम को पूजा कर रोटी और खीर का प्रसाद ग्रहण किया। कई व्रतियों ने नदी के तट पर ही प्रसाद बनाया और खाया। छठव्रतियों के घर में प्रसाद ग्रहण के लिए शाम से देर रात तक सिलसिला चलता रहा। लोग अपने संबंधियों एवं मित्रों के घर जाकर खरना का प्रसाद ग्रहण करते रहे।
लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन आज अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसके लिए श्रद्धालु घर से निकलकर नदियों तालाबों की ओर चल दिये हैं। सड़कों पर काफी भीड़ देखी जा रही है। सूप में फल, फूल के साथ प्रसाद की सामग्री सजाकर लोग माथे पर छठ का दउरा लेकर निकल गए हैं।
सोमवार की सुबह दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा। आज सुबह श्रद्धालुओं ने गंगा सहित प्रमुख नदियों में स्नान किया और स्नान के बाद भगवान सूर्य की आराधना की उसके बाद गंगाजल से फलों को धोकर उससे सूप सजाया गया।
शुद्धता का ध्यान रखते हुए धोए गए गेहूं के आटे से घी और चीनी डालकर ठेकुआ बनाया गया। फिर उस ठेकुआ को भी सूप में तैयार पूजन सामग्री में सजाकर उसे पूरी पवित्रता से रखा गया।
कुछ लोग नदियों के घाट पर ही परिवार समेत आकर रह रहे हैं, कल प्रात : कालीन अर्घ्य देकर पूजा संपन्न कर वे घर लौटेंगे। कुछ लोग अपने-अपने घरों में भी छठ कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग तालाबों, स्विमिंग पूलों में भी आज अर्घ्य देंगे।
आज सुबह से ही छठ पूजा के लिए आवश्यक सामग्री, फल-फूल और सूप-दउड़ा खरीदने के लिए लोगों की काफी भीड़ देखी गई।