घटिया सामग्री से ठेकेदारों द्वारा बनाए गए शौचालय,ग्रामीणों ने की शिकायत
लखनऊ/बीकेेटी। जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत व स्वस्थ भारत बनाने के लिए शौंचालयों को बनाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रहे है।वहीं ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत के चलते घटिया सामग्री का इस्तेमाल करके शौंचालय बनाये गए है।वहीं ठेकेदारों द्वारा लाभार्थियों का पैसा का भी पैसा निकाल लिया गया और घटिया सामग्री से कम पैसे में शौंचालय निर्माण करा दिया जिसका दर्द ग्रामीणों ने पत्रकारों को देखते ही ने बयान किया।लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने आज तक शौंचालयों की मौके पर जांच करना जरूरी नही समझा जिससे ठेकेदार व प्रधान,सचिव के हौंसले बुलन्द है।
मामला राजधानी के विकाश खण्ड बख्शी का तालाब के ग्राम पंचायत शिवपुरी में ग्राम प्रधान व सचिव की सांठगांठ के चलते ठेकेदार द्वारा गाँव में लाभार्थियों के शौंचालयों में ठेकेदार द्वारा पीली ईंट व बालू की अधिक मात्रा में प्रयोग करके शौंचालय बनाये गए है।
कुछ लोगों ने बताया की हमको मांगने के बाद भी प्रधान ने शौंचालय नही दिया जिससे वो आज भी शौंच के लिए बाहर ही जाते है।ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से शौंचालय बनवाने की मांग की है।
कैसे कराया जाता है शौंचालय निर्माण
ठेकेदार द्वारा पीली ईंट व बालू की अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है।सीमेंट नाम मात्र की डाली जाती है।जो शौंचालय ठेकेदार द्वारा तैयार किये गए है उनकी सीमा बहुत ज्यादा 6 महीने ही होती है जिसकी स्थिति किसी भी समय देखा जा सकता है।क्योंकि 12000 रुपये की जगह पर 7000 रूपये में तैयार कराया जाता है।
शौंचालय निर्माण में प्रधान व सचिव की मिली भगत
सचिव व प्रधान द्वारा शौंचालयों का ठेका ठेकेदार को देने से पहले अपनी कमीशन तय कर लेते है।कि हमें प्रति शौंचालय पर 3000 रूपये चाहिए उसके बाद चाहे जिस तरह का चाहो उस तरह का निर्माण कार्य कराओ बाकी हम हर तरीके की मदद करेंगे।सबसे बड़ी बात तो यह है की जब 12000रूपये में ग्राम प्रधान व सचिवों द्वारा जमकर लूट व घसूट की जा रही है।तो सरकार द्वारा करोड़ों रूपये की अन्य योजनाओं में किस तरह से अपना योगदान निभाते होंगे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।यह सब खेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जानते हुए भी अंजान बने रहते है।और अपने कमीशन के लालच में ठेकेदार को बचाने में हर सम्भव प्रयास करने में पीछे नही हटते है।इसके बावजूद भी विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी गांव में जाकर इन शौंचालयों की स्थिति
को देखने वाला कोई नही दिखाई दे रहा है।जिसके चलते दर्जनों विकास खण्ड में इस ठेकेदारी प्रथा के चलते पंचायतों में ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान की साठगांठ के चलते घटिया सामग्री डालकर शौंचालय बनाये जा रहे है।
शौंचालय निर्माण के मानक
जानकारी के मुताबिक शौंचालय निर्माण के लिए उसमे टाइल्स लगने चाहिए एक सामने छज्जा निकलना चाहिए पीछे रोशनदान होना चाहिए एक दरवाजा होना चाहिए।
बोले जिम्मेदार~~~~
शौचालय निर्माण की जांच कराई जाएगी किसी प्रकार की मानकों की अनदेखी की गई है।तो रिकवरी कराते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी