दरभंगा : एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के धारा 2, 3, 4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) को महामारी की बीमारी में शामिल कर लिया गया है और सभी जिला पदाधिकारी, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को एपिडेमिक डिजीज एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने हेतु प्राधिकृत किया गया है।
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सरकार के उपरोक्त आदेश के आलोक में जिला पदाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा जिला के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग करने हेतु फ्लू कॉर्नर स्थापित करने का निदेश दिया गया। निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों की पहचान होने पर उन्हें 03 घंटे के अंदर बिना चूक जिला के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करनी होगी। इस आदेश का सख्ती से अनुपालन करना बाध्यकारी किया गया है।
इसके तहत कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसमें ऐसे मरीजों को चिन्ह्ति की जायेगी, जो कोरोना के ज्ञात मरीज के सम्पर्क में आया हो अथवा किसी ऐसे देश से लौटा है जहाँ कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। इन लक्षणों वाले मरीजों की डी.एम.सी.एच. के आई.डी.एच. वार्ड में ब्लड सैंपल कलेक्शन के लिए रखा जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा कोरोना वायरस के संदर्भ में सरकार के द्वारा जारी एडभायजरी का अनुपालन करने हेतु आज वरीय अधिकारियों के साथ बैठक किया गया। इस बैठक में वरीय अधीक्षक योगेन्द्र कुमार, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, अस्पताल अधीक्षक, डी.एम.सी.एच. डॉ. आर.आर. प्रसाद, सदर अनुमण्डल पदाधिकारी, थाना प्रभारी आदि सम्मिलित हुए।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस एक तेजी से फैलने वाला बीमारी है। इस वायरस से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी एहतियाती उपाय किये जाये। इसके लिए सबसे जरूरी है कि लोग भीड़-भाड़ में जाने से बचें। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। अपने हाथों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह से धोयें। हो सके तो सैनिटाइजर एवं मास्क का उपयोग करें। कहा कि मास्क के उपयोग करने में भी सावधानी बरतनी है, वरना नुकसान के भी खतरे रहेगे। मास्क को नियमित साफ करनी होगी। ए-95/रेसपिरेटरी मास्क अथवा क्लिनिकल मास्क को 6-8 घंटे के उपयोग के बाद अच्छी तरह से डिसपोज कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एपिडेमिक एक्ट के तहत कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को आई.डी.एच. वार्ड में सुरक्षा व्यवस्था, क्यूरेनटाइन करने के डॉक्टर के निर्णय में उन्हें सहयोग करना पड़ेगा। इसमें मरीज की इच्छा/अनिच्छा नहीं चलेगी। कोरोना वायरस लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों को डी.एम.सी.एच. के आई.डी.एच. वार्ड में रखने की व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों एवं मरीजों की सुरक्षा हेतु सशस्त्र बल के साथ दण्डाधिकारी की तैनाती कर दी गई है। यह व्यवस्था राउण्ट द क्लॉक की गई है। आई.डी.एच. वार्ड गेट पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाया गया है। वहाँ आने जाने वाले लोगों के रिकोर्ड रखने के लिए पंजी भी संधारित की जायेगी। जिलाधिकारी ने अस्पताल अधीक्षक को आई.डी.एच. के रास्ते में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने एवं अस्पताल के गार्ड को भी वहाँ तैनात करने का निदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर जिला के सभी क्षेत्र को सील भी किया जा सकेगा। इस आपदा के समय में सरकार के सभी विभाग जिला पदाधिकारी के निदेशन में कार्य करेगे। उन्होंने कहा कि ज्यादा भीड़-भाड़ जमा करने वाले सभी संस्थानों को पहले ही बंद कर दिया गया है। इसमें सभी स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, कोचिंग, इस्टीच्यूट, सिनेमा हॉल आदि शामिल है।
जिलाधिकारी द्वारा आज विभिन्न ट्रार्सपोर्ट एसोशिएशन के प्रतिनिधि के साथ भी बैठक किया गया। सभी ट्रार्सपोटरों को बस/टैक्सी/टेम्पू आदि में क्षमता से कम यात्रियों को बैठाने का निदेश दिया गया है। उन्हें अपने यात्री वाहनों को पूर्ण सेनिटाइज करने, ए.सी. गाड़ियों में से पर्दा, तौलिया बिल्कूल हटा देने, गाड़ियों में सैनिटाइजर रखने आदि का निदेश दिया गया हैं। जिलाधिकारी द्वारा सभी ट्रार्सपोर्टरस से अपील किया गया है कि कोरोना वायरस के फैलने से रोकने के लिए व्यापक लोकहित में ये सभी सावधानियाँ बरतनी जरूरी है। सावधानी एवं जागरूकता के बल पर ही हम कोरोना वायरस से जीत सकते है।
सभी ट्रासपोर्टरों को हिदायत दिया गया है कि आपदा के इस घड़ी में सरकार के दिशा-निदेश का उल्लंघन करने वाले ट्रासपोर्टरों के परमिट को रद्द भी किया जा सकेगा।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस के संदर्भ में गलत या भ्रामक बातें फैलाने, अथवा अफवाहों को फैलाने वालों को अपराध की श्रेणी में रखकर उनके विरूद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी।
इस बैठक में सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी/थाना प्रभारी आदि सम्मिलित हुए।