डेस्क। दरभंगा में बारिश के लिए लोगों ने ईदगाह में दुआ मांगी। अल्लाह मेघ दे, पानी दे, पानी दे, जिंदगानी दे कहते हुए लोग ईदगाह में इस्तिस्का की नमाज के लिए पंक्ति में खड़े हो गए। इस्लामिया शंकरपुर के शिक्षक हजरत मौलाना मुफ्ती अबू बकर ने कहा कि इस्तिस्का की नमाज विशेष रूप से सूर्योदय के बाद किसी खुले स्थान या फिर मस्जिद के अंदर अदा की जाती है। बारिश को लेकर आज सबने नमाज अदा की।
दरभंगा जिले के भरवाड़ा, शंकरपुर, महेशपट्टी, भगवतीपुर राजो आदि गांव के लोग ईदगाह में बारिश के लिए दुआ कर रहे थे। ईस्लामिया शंकरपुर के शिक्षक हजरत मौलाना मुफ्ती अबू बकर ने कहा कि इस्तिस्का की नमाज विशेष रूप से सूर्योदय के बाद किसी खुले स्थान या फिर मस्जिद के अंदर अदा की जाती है। इस्तिस्का वक्त अहले सुबह सूर्योदय से दस बीस मिनट बाद शुरू होता है और दिन के एक चौथाई वक्त तक रहता है। बारिश नहीं होने से इंसान से लेकर पशु-पक्षी सब परेशान हैं। मौलाना सईद साहब ने कहा आज के आधुनिक युग में इंसान कुदरत के नायाब पेड़ पौधे को खत्म कर रहा है। आप सभी पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण को बढावा दें।
मौके पर मौलाना मुस्तफा साहब, हाफिज अनवार अहमद, कारी रजाउल्लाह, डा आमिर शकरपुरी, डा मो अरमान अख्तर, डा मुन्तजिर अहमद प्यारे, अहमद अली तमन्ने, इजहार आलम मुन्ना, ईरशाद आलम, लाल मोहम्मद, बारिक खान, ताज अहमद, शमीम खान, हाजी अहमद अली, मो हाशिम पर्यावरण रक्षा एवं आपसी भाईचारा के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। धर्मगुरु एसएम जिया ने बताया जब ज़मीन सूख जाए या झरनों और कुओं में पानी कम हो जाए, नदियाँ सूख जाएँ तब इस्तिक़ा की नमाज़ पढी जाती है।