लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) :: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य भंडारण निगम द्वारा विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे पांच-पांच हजार क्षमता के 37 भंडारगृहों का ऑनलाइन शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी राज्य सरकार अन्नदाता किसानों के हितों में नई-नई योजनाओं को लेकर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाकडाउन के दौरान विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के तहत एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में दिए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संकल्पित हैं। सरकार किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जिसके कारण परम्परागत खेती से विमुख होने वाले किसान फिर से खेती में सम्भावनाएं देखने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर में अन्नदाता किसानों के लिए भण्डार गृहों के महत्व को अच्छे ढंग से समझा जा सकता है। नये भण्डार गृहों की स्थापना से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। केवल राज्य भण्डारण निगम के साथ मिलकर ही नहीं बल्कि आवश्यकता पड़ने पर मंडी परिषद स्वयं कोल्ड स्टोरेज, सैलोस सहित अत्याधुनिक भंडारण की क्षमता को विकसित करे। किसानों को अनाज मंडी के साथ ही फल व सब्जी मंडियों में भी ऐसी सुविधा देनी चाहिए। नई प्रतिस्पर्धा में सरकार ने निजी क्षेत्र को भी मंडी क्षेत्र में आमंत्रित किया है। प्रतिस्पर्धा के लिए ना केवल सहकारिता बल्कि मंडी समितियों को भी आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2017 में जब वर्तमान सरकार गठित हुई थी, उस समय सबसे बड़ी चुनौती किसानों से गेहूं खरीदेंगे तो उसे कहां रखेंगे यह थी। स्टोरेज क्षमता नहीं थी। एक अप्रैल 2017 से गेहूं क्रय की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। किसानों से 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया और यह भी तय किया गया कि किसानों को एमएसपी का भुगतान 48 घंटे के अन्दर डीबीटी के माध्यम से कराया जाए। अब हर वर्ष किसानों की उपज को खरीदने का कार्य चल रही है। सरकार द्वारा दिये गये न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसान के जीवन में व्यापक बदलाव आ रहा है। कालाबाजारी पर रोक लगी है, किसानों को शोषण से मुक्ति मिली है।
सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि 37 भंडार गृहों का निर्माण प्रदेश के 27 जनपदों में किया जाएगा। झांसी में 4, बलिया में 2, बहराइच में 2, फतेहपुर में 2, जालौन में 2, कानपुर देहात में 2, रामपुर में 2, बदायूं में 2, बस्ती में 2 तथा गाजीपुर, कानपुर नगर, अमरोहा, बिजनौर, बरेली, पीलीभीत, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, महोबा, बांदा, हमीरपुर, मिर्जापुर, भदोही, फर्रूखाबाद, औरैया, रायबरेली व कौशाम्बी में एक-एक भंडार गृह बनाए जाएंगे। लागत 187.32 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस मौके पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव सहकारिता भुवनेश कुमार, सूचना निदेशक शिशिर, प्रबन्ध निदेशक राज्य भण्डारण निगम श्रीकान्त गोस्वामी आदि उपस्थित थे।