डेस्क : अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन एवं महिला जागृति संस्थान अपने 100 मिलियन पहल के तहत गर्ल्स मार्च टू स्कूल जागरुकता अभियान चलाया।
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इस अभियान में स्थानीय रामनन्दन मिश्र बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य सियाराम प्रसाद, बचपन बचाओ आन्दोलन के जिला कोडिनेटर इन्दिरा कुमारी, महिला हेल्पलाइन अजमतुन निशा, विज्ञान शिक्षक पवन कुमार झा, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के प्रेम शंकर झा, सामाजिक कार्यकर्ता फवाद गजाली, डॉ. रेडी फाउंडेशन के चंद्रवीर यादव ने हरी झंडी दिखाकर बच्चियों को विद्यालय परीसर से रवाना किया। जिसमें बडी संख्यां में लड़कियों ने भाग लिया।
रैली की शुरूआत रामनन्दन मिश्र बालिका उच्च विद्यालय से दरभंगा समाहरणालय से विद्यालय में वापस आकर समाप्त हुआ। इस क्रम में लड़कियों नें जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसका उद्देश्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बालिकाओं की आयु 14 से बढ़ाकर 18 वर्ष तक की जाए।
बचपन बचाओ आन्दोलन की जिला कोडिनेटर इन्दिरा कुमारी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि भारत के संविधान के तहत 6-14 वर्ष की आयु के बीच सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में 62.1 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर हैं। इन्दिरा कुमारी ने आगे बताते हुए कहा कि 14-18 वर्ष की आयु के बीच, 28% लड़कों की तुलना में 32% लड़कियों का नामांकन नहीं होता है।
राज्यों को आर.टी.ई अधिनियम के माध्यम से अनिवार्य शिक्षा को लागू करना चाहिए क्योंकि इससे न केवल 14-18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों की स्कूल ड्रॉप-आउट दर कम होगी, बल्कि सामाजिक बुराइयों के लिए उनके जोखिम को भी सीमित किया जाएगा जिसमें बाल तस्करी, बाल विवाह और बाल श्रम शामिल हैं। इस अवसर पर लड़कियों में पूजा कुमारी, प्राची कुमारी आदि ने भाग लिया।