दरभंगा (विजय सिन्हा) : लोकसभा चुनाव को लेकर दरभंगा संसदीय क्षेत्र में गहमा-गहमी शुरू हो गई है। नामांकन में आमंत्रण देने की आड़ में चुनाव प्रचार शुरू है। सत्तारूढ और मुख्य विपक्षी दल की ओर से नामांकन के दिन ही भीड़ जुटाने की आड़ में शक्ति परीक्षण की तैयारी चल रही है।
5 अप्रैल को राजग प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर नामांकन करेंगे। वहीं 8 अप्रैल को महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में अब्दुलबारी सिद्दिकी का नामांकन कार्यक्रम है। पूर्व के इतिहास को देखे, तो दरभंगा सीट पर आमने-सामने की लड़ाई होती आ रही है। यद्यपि चुनाव को त्रिकोण बनाने का प्रयास जरूर किया गया, लेकिन लड़ाई में त्रिकोण नहीं बन सका। मुख्य मुकाबला आमने-सामने में ही हुआ। वैसे पिछले सात चुनाव का अगर विश्लेषण करें, तो चार बार यह सीट राजद के पाले में गया। वहीं तीन बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा हुआ। भाजपा ने लगातार दो बार से इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है, लेकिन इस बार महागठबंधन और राजद गठबंधन दोनों ने अपना-अपना मोहरा बदल दिया है। यद्यपि दोनों दलों के प्रत्याशी परिचय के मोहताज नहीं हैं। कीर्ति आजाद का पत्ता कटने के बाद गोपालजी ठाकुर प्रत्याशी बने हैं।
वहीं मो. अली अशरफ फातमी के पत्ता साफ होने के बाद अब्दुलबारी सिद्दिकी महागठबंधन का चेहरा बने हैं। दोनों दलों की ओर से इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए रणनीति के तहत कार्य शुरू हो गया है, लेकिन राजद नेता श्री फातमी के बागी तेवर से राजद प्रत्याशी को कितनी परेशानी होगी इसका अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता है। वैसे नामांकन व नाम वापसी के बाद ही कुछ-कुछ स्थिति स्पष्ट होगी। वैसे राजनीतिक प्रेक्षकों की माने, तो यहां चुनाव आमने-सामने की ही होगी और काफी रोचक होगा। वैसे यह भी सच्चाई है कि एक तरफ विकास और राष्टÑ की सुरक्षा को मुद्दा बनाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ जातीय समीकरण को साधने की दिशा में प्रयास शुरू हो गया है। दरभंगा संसदीय क्षेत्र 6 विधानसभा क्षेत्र को लेकर बना है। इसमें गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र से जदयू के मदन सहनी विधायक हैं। वहीं अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से अब्दुलबारी सिद्दिकी विधायक हैं। बेनीपुर से जदयू के सुनील चौधरी तो बहादुरपुर से राजद के भोला यादव और दरभंगा ग्रामीण से राजद के ही ललित यादव विधायक हैं। इसके अलावा दरभंगा से भाजपा के संजय सरावगी विधायक हैं।
आंकड़े बताते हैं कि तीन पर राजद तो तीन विधानसभा सीट पर राजग का कब्जा है, लेकिन विधानसभा चुनाव के समय जदयू राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। बहरहाल अभी तो शुरूआत ही है आगे चलकर कई समीकरण बनेंगे व बिगरेंगे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।