नागरिकता कानून पर जंग
लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जो कि एक अमन पसंद शहर कहा जाता है उसके अमन चैन में उस वक़्त आग लग गयी जब कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लाए गए सीएए कानून व एनआरसी कानून के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया और वह प्रदर्शन हिंसा में बदल गया।
गुरुवार को हजरतगंज स्थित परिवर्तन चौक पर कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन में हज़ारो की संख्या में लोगो ने भाग लिया था। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर लखनऊ पुलिस द्वारा पहले से ही धारा 144 लगाकर इस पर रोक लगा दी गई थी तथा सभी को यह चेतावनी दे दी गई थी किया प्रदर्शन पूरी तरह से अवैध है तथा इसकी प्रशासन की तरफ से कोई परमिशन नहीं है इसमें शामिल होने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी तथा पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार या मैसेज भी चलाए जा रहे थे सभी परिवार के लोग अपने अपने बच्चों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल ना होने दें पुलिस प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी तैयारी भी की थी लेकिन पुलिस प्रशासन की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई और अमन का शहर लखनऊ हिंसा की आग में जल उठा।
हिंसा की सबसे पहली शुरुआत हसनगंज थाने के खदरा इलाके से शुरू हुई जहां पर विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन में शामिल होने के लिए एक जुलूस की शक्ल में लोग खदरा से परिवर्तन चौक जाने के लिए निकले जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस व प्रदर्शनकारियों में झड़प शुरू हो गई पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ने पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ डीएम बा एसएसपी मौके पर पहुंचे और खुद कमान संभाली और लोगों से अपील की कि वह अपने अपने घरों को जाएं किंतु प्रदर्शनकारी वहीं डटे रहे इस दौरान प्रदर्शनकारी रुक रुक कर पुलिस पर पथराव कर रहे थे जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठीचार्ज कर दिया गया इसके बाद पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच 1 घंटे तक एक गोरिल्ला युद्ध सा चलता रहा प्रदर्शनकारी पथराव करते थे जिससे कि पुलिस बल को पीछे हटना पड़ा था फिर पुलिस बल जब लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ देता था तो प्रदर्शनकारी गलियों में दुबक जाते थे पुलिस के पीछे हटते ही प्रदर्शनकारी गलियों से फिर निकल कर पुलिस पर पथराव करते थे इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने खदरा में स्थित मदेह गंज पुलिस चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की तथा चौकी के बाहर खड़े कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसी बीच थाना ठाकुरगंज छेत्र के हुसैनाबाद इलाके में भी प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई।
यहां भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जुलूस की शक्ल में लोग निकले थे जिसको पुलिस ने रोकने की कोशिश की और पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई जिसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर जमकर पथराव किया गया उसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठीचार्ज कर दिया। इसी बीच प्रदर्शनकारियों द्वारा हुसैनाबाद में स्थित सतखंडा चौकी के बाहर खड़े कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया वह सतखंडा पुलिस चौकी को भी फूंक दिया। इसी आपाधापी में एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार को भी पुलिस पुलिस बल ने जमकर लाठियों से पीट दिया जिसको मौके पर अन्य मौजूद पत्रकारों द्वारा बचाया गया। प्रदर्शनकारियों से हुई इस झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
यहां पर भी तुरंत ही लखनऊ डीएम व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पहुंचकर कमान संभाली यहाँ पर बवाल चल ही रहा था कि हजरतगंज स्थित परिवर्तन चौक जहां पर यह विरोध प्रदर्शन हो रहा था वहां पर भी पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई यहां पर भी प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर जमकर पथराव किया गया तथा मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों की तीन ओबी वैन को भी आग के हवाले कर दिया गया साथ ही रोडवेज की एक बस को भी आग के हवाले कर दिया गया व कई मोटरसाइकिलों को भी आग लगा दी गई यहां पर भी कई पुलिसकर्मी पथराव में घायल हो गए।
यहां पर भी हिंसक झड़प की खबर मिलते ही लखनऊ डीएम व एसएसपी हुसैनाबाद से पूरा दल बल को लेकर परिवर्तन चौक पहुंच गए जिसके बाद मौके पर डीजीपी ओपी सिंह खुद मौके पर पहुंच गए और कमान संभाली स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए एटीएस के ब्लैक कमांडो को भी मौके पर बुलाया गया।
इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा मौके से गिरफ्तार भी किया गया। वही हुसैनाबाद इलाके में तीन लोगों के गोली से घायल होने की सूचना भी प्राप्त हुई जिसमें से एक युवक मो.वकील की ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं जिसके बाद खबर लिखे जाने तक इन इलाक़ो में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी था।
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