चेन्नई के अपोलो अस्पताल में पिछले 73 दिनों से चल रहे इलाज के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री, तमिल नेता और लाखों की अम्मा का सोमवार की रात साढ़े ग्यारह बजे निधन हो गया। वह 68 साल की थी। जयललिता को बुखार और डिहाइड्रेशन के बाद 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, रविवार की रात को उनका दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी और उन्हें ईसीएमओ (एक्सट्राकोर्परियल मेम्बरीन ओक्सीजनेशन) और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के शव की अंत्येष्टि से पहले अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल लाया गया है जहां लोग उनका अंतिम दर्शन करेंगे। उसके बाद आज शाम साढ़े चार बजे मरीन बीच पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। जयललिता के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडूू ने भी वहां पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी समेत कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने चेन्नई जाएंगे।
7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा
तमिलनाडु सरकार ने आज रात मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के मद्देनजर कल से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। मुख्य सचिव पी राम मोहन राव ने एक अधिसूचना में कहा कि इस अवधि में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन भी नहीं होगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘तमिलनाडु सरकार बड़े दुख के साथ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री सेल्वी जयललिता के सोमवार, पांच दिसंबर 2016 को रात साढ़े ग्यारह बजे निधन होने की घोषणा करती है। छह दिसंबर से सात दिनों का राजकीय शोक होगा, इस अवधि में सभी सरकारी भवनों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इस अवधि में आधिकारिक मनोरंजन भी नहीं होगा।’’ सरकार ने राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिवसीय अवकाश की भी घोषणा की है। पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी जयललिता के सम्मान में कल सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की है।