दरभंगा (विजय सिन्हा) : मैथिली लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान मे आयोजित मिथिला महोत्सव के दुसरे दिन आयोजित ऐतिहासिक कवियित्री सम्मेलन जो कि मातृशक्ति पर आधारित था आयोजित हुआ । दर्जनों कवियित्रियों की उपस्थिति मे काव्य की विभिन्न रसधार बही जो समसामयिक और प्रांसगिक बिषय पर आश्रित था ।
एक ओर जहां सोनी झा ने बेरोजगारी व गांव की याद दिलाने वाली कविता सुनाई वही सुनीता झा ने व्यथा शीर्षक से कविता सुनाकर मानव मन की व्यथा को परिलक्षीत किया, लक्ष्मी ठाकुर ने मेक इन इंडिया कविता के माध्यम से भारत के स्वरूप की ओर ध्यानाकर्षित किया ।
स्वर्णिम किरण प्रेरणा ने पीड़ा कविता के माध्यम से मानव मन की पीड़ा को दिखाने का प्रयास किया , मुन्नी मधु ने अंतर कविता के माध्यम से स्त्री पुरूष के बीच के अंतर को पाटने की कोशिश की । उषा चौधरी वसंत वर्णन अपने काव्यपाठ किया । ममता ठाकुर ने भी काव्य पाठ किया । सुषमा झा ने देशप्रेम से ओतप्रोत काव्यपाठ किया । कवियित्री सम्मेलन का उद्घाटन इन्दिरा झा और अध्यक्षता उषा चौधरी ने किया । संचालन सुषमा झा ने किया । सहसंयोजक राघव रमण ने सभी का स्वागत किया और संयोजक रामकुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया । दर्शक दीर्घा मे कमलाकान्त झा, सुमित गुंजन, चन्द्रेश जी, महासचिव उदयशंकर मिश्र आदि उपस्थित थे ।