डेस्क : त्योहारी सीजन आते ही बिहार के अधिकांश जिलों में गैस की किल्लत बढ़ गई है। कई एजेंसियों पर तो वर्षों पहले की तरह सबेरे से उपभोक्ताओं की लंबी लाइन लगने लगी है। आर्डर के 12-15 दिन बाद भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
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कई एजेंसियों का कहना है कि त्योहार के कारण सिलिंडर की मांग तो काफी बढ़ गई है, मगर इसकी तुलना में आपूर्ति 20 से 30 फीसदी तक कम की जा रही है। कम्पनी बैकलॉग पूरा नहीं कर पा रही है। परेशानी के कारण उपभोक्ताओं का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में लोग सड़क पर खाली सिलेंडर रखकर हंगामा कर विरोध जता रहे हैं।

उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों में गैस की किल्लत है। मुजफ्फरपुर के शिव लोक गैस एजेंसी सहित कई एजेंसियों के मालिक ने बताया कि मांग की तुलना में दस से बीस फीसदी तक कम आपूर्ति की जा रही है।

उत्तर बिहार में सबसे अधिक संकट दरभंगा, मोतिहारी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में देखा जा रहा है। केवल मुजफ्फरपुर में आईओसी, एचपी, भारत पेट्रोलियम की कुल 82 एजेंसी है। कुल नौ लाख 2602 उपभोक्ता हैं। प्रतिदिन 665 मीट्रिक टन गैस की मांग है। आपूर्ति अधिकतम 600 मीट्रिक टन की जा रही है। आईओसी की मुख्य प्रबंधक वीणा कुमारी ने बताया कि गैस की आपूर्ति की बड़ी समस्या नहीं है। त्योहार के कारण मांग अधिक हो गई है। इसके लिए स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। दो से तीन दिनों के अंदर स्थिति सामान्य हो जायगी।

कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के कुछ जिलों को छोड़ अन्य जिलों में रसोई गैस की किल्लत नहीं है। लखीसराय और जमुई जिले में गैस की किल्लत ज्यादा है जबकि मधेपुरा, अररिया और सहरसा जिले में भी थोड़ी-बहुत किल्लत है। जमुई जिले में रसोई गैस के लिए उपभोक्ताओं में आपाधापी मची रहती है।

गैस एजेंसी संचालक के अनुसार दो माह पूर्व जिस अनुपात में जिले के वितरकों को गैस सिलिंडर की आपूर्ति होती थी, उसकी आधी ही आपूर्ति हो रही है। यही स्थिति लखीसराय और मधेपुरा जिले में भी है। वहीं सहरसा जिले में गैस की डिलीवरी समय पर नहीं हो रही है। एजेंसी के मालिकों के कहना है कि बरसात के समय से यह समस्या है।