राज प्रताप सिंह
लखनऊ ब्यूरो।उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान ने जैविक खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि भारतीय कृषि परम्परा में जैविक खेती का विशेष महत्व पुरातन समय से रहा है। जैविक खेती से कृषि उत्पाद जहां स्वास्थ्यवर्द्धक व गुणवत्तायुक्त होते हैं, वहीं पर्यावरण भी बेहतर रहता है।
उन्होंने कहा कि कृषि उपज में रसायनों के बेहिसाब प्रयोग से उस उत्पाद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। श्री चौहान सोमवार को उद्यान निदेशालय के सभागार में बायो एग्रीकल्चर कान्फ्रेंस एक्सपो-2019 में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को रसायन का कम से कम उपयोग करना चाहिए। जैविक खेती आज की जरूरत बन चुकी है। रसायनिक खेती से नई-नई बीमारियां जन्म ले रही हैं।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कृषि कार्य में जैविक खेती के माध्यम से अन्न व फल-सब्जी का उत्पादन करें। साथ ही कहा कि रसायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग से हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही खेतों की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट कर रहे हैं।
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उद्यान राज्यमंत्री ने कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जैविक खेती के प्रति लोगों को जागरूक करें और इसके उत्पादन के लाभों से किसानों को परिचित कराएं। इस अवसर पर उद्यान निदेशक डा. एसबी शर्मा ने कहा कि जैविक खेती आज की आवश्यकता बन गई है।