राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: एकेटीयू में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में शामिल हुए कई देशों के शिक्षाविदशिक्षाविदों ने कहा कि कोरोना ने शिक्षा के क्षेत्र में खोले नए रास्तेराज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी शामिल हुई वेबिनार में लखनऊ।
कार्यालय संवाददाताएकेटीयू की ओर से कोविड-19 में शिक्षा के नए आयामों पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक वैश्विक माडल तैयार करने की आवश्यकता है, जिससे छात्रों को सहज और सुरक्षित शिक्षा प्रणाली मुहैया करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा के चार स्तम्भ हैं, जिनमे ज्ञानयोग, कर्मयोग, सहयोग और आत्मयोग शामिल हैं। वर्तमान में इन स्तम्भों को चरितार्थ करने का सही समय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने की।राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस ने हर कार्य क्षेत्र में रूकावट उत्पन्न की है। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में नए रास्ते खोले हैं। ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से इस मुश्किल समय में भी शिक्षण कार्य संस्थान बखूबी कर रहे हैं। उहोंने कहा कि धीरे-धीरे विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के परिसर में अध्यापन, परीक्षा एवं मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा लेकिन संस्थानों को सामाजिक एवं भौतिक दूरी एवं अन्य बचाव उपायों कागा। इस्तेमाल करना होगा। कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि महामारी के समय विश्वविद्यालय ने एजुकेशन सिस्टम को ऑनलाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।ऑनलाइन स्ट्रक्चर मजबूत करने की जरूरत यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो यूएसए के अध्यक्ष प्रो सतीश त्रिपाठी प्रेसिडेंट ने कहा कि कोरोना संक्रमण से नामांकन प्रक्रिया और पाठ्यक्रम व परीक्षा प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ेगा। जिसका असर वर्तमान सत्र के साथ अगले सत्र में भी बना रहेगा। ऐसे में हमें ऑनलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा। स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी आस्ट्रेलिया के प्रतिकुलपति प्रो अजय कपूर ने कहा कि वर्चुअल क्लास रूम, ई-लर्निंग मटेरियल और लाइव ब्लॉग जैसे क्षेत्रों पर अधिक काम करना होगा। शिक्षक और छात्र के बीच लाइव डिस्कशन की अवधारण को भी मूर्तरूप देना होगा। इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स यूके प्रो रिचर्ड फोल्लेट सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए। यूनिवर्सिटी डबलिन आयरलैंड प्रो थामस स्टोन प्राचार्य ने कहा कि हमें अपनी मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव करने होंगे। नए सत्र से हमें ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग के क्रेडिट रखने चाहिए।