स्वर्णिम डेस्क : युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित पोषण माह, सितंबर, 2021 के तहत महारानी कल्याणी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ‘कुपोषण छोड़ पोषण की ओर – थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर‘ विषय पर जागरूकता अभियान चलाया गया।
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इस अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। पोषण माह के तीसरे सप्ताह के प्रारंभ में महारानी कल्याणी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल ने कहा कि पोषण माह का यह सप्ताह स्थानीय रूप से सुलभ पौष्टिक भोजन, फल और सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाने को समर्पित एक व्यापक मुहिम है। उत्तम आहार होने पर ही उत्तम विचारों का उद्गम होता है । इसलिए एक आदर्श और स्वस्थ समाज के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण हो जाता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रियंका राय ने कहा कि आज समूचा राष्ट्र कोविड-19 जैसे महामारी से घिरा हुआ है। ऐसे में आहार एक औषधि है जो कि इस महामारी के प्रकोप से लड़ने में एक विशेष आयाम को प्रस्तुत करता है। आज भी देश में बड़ी संख्या में लोगों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है जबकि भारत में जितनी कैलोरी का उत्पादन होता है उसका आधा ही उपभोग हो पाता है। इसका एकमात्र कारण है संतुलित आहार के प्रति जनमानस में जानकारी का अभाव होना। ऐसे विकट समय में स्वयंसेवकों द्वारा स्थानीय रूप से सुलभ पौष्टिक भोजन, फल और सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाना कहीं अधिक प्रासंगिक हो जाता है। पोषण माह के तीसरे सप्ताह में किए गए इस बहुमुखी अभियान का उद्देश्य आहार की उपलब्धता के बावजूद भूख और कुपोषण की विरोधाभासी स्थिति का समाधान करना है तथा पोषण से जुड़े क्या, क्यों और कैसे? प्रश्नों के समाधान को जन-जन तक पहुंचाना है और उन्हें जागरूक बनाना है।
इस अभियान में महाविद्यालय के डॉ परवेज अख्तर, डॉ कामेश्वर ठाकुर, डॉ शम्से आलम, डॉ आभा रानी झा, डॉ सरोज चौधरी, डॉ विश्व दीपक त्रिपाठी, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ आलोक प्रभात, डॉक्टर गीतांजलि चौधरी आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।