पटना (संजय कुमार मुनचुन) : पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए आजीवन मिलने वाली आवास की सुविधा को ख़त्म कर दिया है. चीफ जस्टिस एपी शाही की खंडपीठ ने यह फैसला सुनते हुए कहा कि यह नियम पूरी तरह से असंवैधानिक है और इससे सार्वजानिक धन का दुरूपयोग हो रहा है.
पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व सीएम राबड़ी देवी, जीतन राम मांझी, सतीश प्रसाद सिंह सहित अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी बंगला छोड़ना पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री के आवास खाली पर एडवोकेट जनरल बिहार ललित किशोर ने मीडिया से खास बातचीत करते हुए यह बताया कि यूपी की तरह बिहार में भी पूर्व मुख्यमंत्री के सरकारी आवास नहीं मिलेंगे लेकिन उन्हें आवास खाली नहीं करना होगा
दूसरे किसी पद पर या दूसरे किसी रास्ते बांग्ला रख सकते हैं जैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना एक सीएम रहते बंगला खाली कर दिया और आज वह बंगला मुख्य सचिव को आवंटित है तो जीतन राम मांझी सहित कई ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री हैं जिनके नाम से तो अब पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से नहीं होगा।
जीतन राम मांझी ने बांग्ला हाईकोर्ट के बंगला मामले पर दिया बड़ा बयान कहा कि हम तो पहले से गरीब है बड़े बंगले की ख्वाहिश नहीं है कोर्ट का सम्मान करते हैं जब चाहे बंगला खाली करा ले लेकिन बिहार सरकार को कहा कि विधायक की हैसियत से बांग्लादेश सात बार विधायक रहे मांझी ने कहा कि बंगला तो मिलना ही चाहिए