डेस्क : पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त उदय कृष्ण का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। बुधवार सुबह दो टुकड़ों में कटे शव को अगमकुआं आरओबी के नीचे रेलवे ट्रैक से बरामद किया गया। उदय कृष्ण के भाई अभय के बयान पर हत्या की एफआईआर पत्रकार नगर थाने में दर्ज कराई गई है। उदय की जेब में सारे सामान सुरक्षित थे।अपर नगर आयुक्त की मौत से प्रशासनिक महकमे में सनसनी फैल गई है। पुलिस सूत्र आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं हालांकि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। 1988 बैच के अधिकारी उदय कृष्ण अगले माह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
परिजनों के अनुसार वे पटना नगर निगम कार्यालय से मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे निकले। सशक्त स्थायी समिति की बैठक से उठकर वे सीधे विद्यापुरी स्थित अपने आवास गए। कहीं से फोन आने के बाद करीब साढ़े नौ बजे वे पत्नी को यह कहकर घर से बाहर निकले कि दस मिनट में आते हैं। काफी देर तक उदय नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। उदय के नहीं मिलने पर पत्रकार नगर थाने में उनकी पत्नी दिव्या ने गुमशुदगी की लिखित शिकायत की थी। इसी बीच बुधवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे अपर नगर आयुक्त का शव मिलने की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया। कटा हुआ शव अगमकुआं आरओबी के नीचे रेलवे ट्रैक किनारे था। इधर, गुलजारबाग जीआरपी ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। मौके पर एफएसएल की टीम ने जरूरी साक्ष्य इकठ्ठा किए हैं। थानेदार संजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शव के पास से रुपये, मोबाइल और अन्य कागजात बरामद किए गए हैं।
उदय के अधिवक्ता भाई अभय कृष्ण ने बताया कि विभागीय प्रेशर के कारण वे काफी तनाव में थे। वे डरे-सहमे रहते थे। हाल के दिनों में विभाग और कार्यालय में उनके साथ सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा था। हालांकि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। इन दिनों उनका तनाव काफी बढ़ चला था। उनका इलाज भी बोरिंग रोड स्थित एक डॉक्टर के यहां से चल रहा था।
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) ने अपर नगर आयुक्त की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है। संघ ने इस संबंध में सीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा है। संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार व महासचिव खुर्शीद अनवर सिद्दीकी ने कहा कि अपर नगर आयुक्त का शव गुलजारबाग स्टेशन के पास पाया गया। आरोप लगाया कि साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है। इसलिए इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
पत्नी और बेटे पर दुखों का पहाड़ अचानक ही न टूट पड़े इसलिए सबने अपर नगर आयुक्त की मौत की खबर छुपा कर रखी। जब तक उदय कृष्ण का बेटा रौनक बेंगलुरु से पटना अपने घर पर नहीं पहुंचा तब तक पत्नी को घटना की जानकारी नहीं थी। उन्हें बस इतना ही मालूम था कि उदय मीसिंग हैं। तलाश जारी है। रौनक उर्फ समग्र कृष्ण दोपहर एक बजे विद्यापुरी स्थित अपने घर पहुंचा। अभी गेट पर पहुंचा ही था कि पिता की मौत की खबर जानकर उसे पलभर को काठ मार गया। फिर वह बिलखने लगा। आंसू थम नहीं रहे थे। परिजनों ने किसी तरह रौनक को समझाया कि अगर वही हौसला छोड़ देगा तो मां को कौन संभालेगा।
रौनक बड़े ही बोझिल मन से घर के अंदर पहुंचा। मां को देखा तो आंखें छलछला गयीं। फिर पलभर में मां से लिपट कर रोने लगा। पापा इस दुनिया में नहीं हैं यह कहने को उसे शब्द नहीं मिल रहे थे। बस दोनों दहाड़े मार कर रो रहे थे। उनकी चीत्कार से वहां मौजूद हर कोई रोने-बिलखने लगा। रौनक की मां दिव्या अपने देवर अभय को देखकर बोलने लगीं, ‘आपको सबकुछ पहले से मालूम था ना! आपको…’ अभय के पास कोई जवाब नहीं था। वह लड़खड़ाते आवाज में इस बात को झुठला रहे थे। …नहीं, नहीं। मुझे भी तो अभी ही पता चला है।
कमरे के बाहर पूर्व नगर आयुक्त केशव रंजन प्रसाद और उनके कई साथी मौजूद थे। गमगीन माहौल के बीच अभय निकले। उदय कृष्ण की लाश गुलजारबाग स्टेशन पर रखी थी। परिजनों को लाश की शिनाख्त करने और कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए स्टेशन जाना था। अभय के साथ ही वहां मौजूद कई अधिकारी भी चले गए।
पति के बारे में बार-बार पूछती रही दिव्या : पत्नी दिव्या घर में मौजूद लोगों से लगातार अपने पति के बारे में पूछ रही थी। उदय कृष्ण की मौत की खबर पूर्व नगर आयुक्त और उनके भाई अभय को मिल चुकी थी। लेकिन उदय कृष्ण की पत्नी की हालत देखते हुए तय हुआ कि खबर को रौनक के आने तक दबा कर रखी जाए। रौनक को भी पिताजी के नहीं मिलने की ही खबर दी गई थी। यह भी सभी को मालूम था कि रौनक बारह बजे तक पटना आ रहे हैं। लोगों ने इस खबर को दो-तीन घंटे दबाने का निर्णय लिया।
साहब आ रहे हैं, चावल-दाल भुजिया बना दो…अपर नगर आयुक्त की मौत की खबर दोपहर तक शहर में आग की तरह फैल गई। उदय कृष्ण के साथी और सहयोगियों का घर पहुंचने का तांता लग चुका था। ज्यादातर लोगों को घर से पहले या बाद में रोका गया था। अपर नगर आयुक्त के घर के आगे मौजूद कोचिंग संस्थान में अधिकारी बैठे रहे। घर में काम करनेवाली दाई को भी उदय के नहीं रहने की बात मालूम हो चुकी थी। लेकिन उसे यह बात मालकिन को नहीं बताने की हिदायत दी गई। दिव्या ने दाई से कहा कि घर गंदा है। पोछा मार दो। साहब आ रहे हैं। भूखे होंगे। उनके लिए चावल-दाल और भुंजिया बना दो। मालकिन की बात सुनकर दाई का चेहरा और उतर गया। लेकिन मालकिन को कुछ बताना नहीं था, इसलिए सिर हिलाकर काम में लग गई।
पत्नी ने उदय के गुम होने की खबर दी पूर्व नगर आयुक्त को : सुबह सात बजे तक जब उदय लौटकर घर नहीं पहुंचे तो उनकी पत्नी दिव्या कुमारी ने उदय के अन्य मित्रों से इस बारे में पूछताछ करने की सोची। उन्होंने पटना नगर निगम कंकड़बाग के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार उपाध्याय को फोन करके पूर्व नगर आयुक्त केशव रंजन प्रसाद का मोबाइल नंबर लिया। इसके बाद केशव रंजन प्रसाद को फोन किया और उदय कृष्ण के देर रात से लापता होने की बात बतायी।
दोस्त की पत्नी का फोन सुनने के बाद पूर्व नगर आयुक्त घर लौटे और साढ़े नौ बजे के आसपास उदय कृष्ण के घर पहुंचे। केशव रंजन के घर पहुंचने के बाद पत्रकार नगर थाना से अपर नगर आयुक्त की बॉडी रेलवे ट्रैक पर मिलने की खबर पहुंची।