बकेवर (डॉ एस बी एस चौहान) : इटावा से बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। पुलिस की गुंडागर्दी व अमानवीयता के बाद स्वयं विधायिका भर्थना,इटावा पुलिस के सिपाही ने भाजपा मंडल उपाध्यक्ष को थप्पड़ जड़ दिया। पुलिस की गुंडई के बाद बकेवर थाना परिसर में स्वयं भर्थना विधायिका सावित्री कठेरिया,ब्लॉक प्रमुख अशोक चौबे व सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।
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आम जनता की क्या सुनेगी योगी जी की गुंडा पुलिस जब सही बात पर न्याय के लिए स्वयं विधायिका को 3 घण्टे थाने में धरने पर बैठना पड़ा। बकेवर सांसद भले ही गला फाड़ फाड़कर चिल्ला लें कि पुलिस की तानाशाही बर्दाश्त नही की जाएगी लेकिन इटावा में तो सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया के सख्त रवैये का असर दूर दूर तक देखने को नहीं मिल रही।
इधर इटावा लोकसभा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया मंच पर खड़े होकर अपने कार्यकर्ताओं के पक्ष में हुंकार भरते हैं व कहते हैं कि यदि पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी करेगी तो हम कतई बर्दाश्त नही करेंगे। वहीं पुलिस ने भी कसम खा ली है कि हम चुन चुनकर भाजपा कार्यकर्ताओं के पैरों पर ही लाठी मारेंगे।
ताज़ा मामला थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत परसूपुरा का है जहाँ बकेवर थाने के सिपाही ने नशे की हालत में न सिर्फ भाजपा मंडल उपाध्यक्ष धर्मेश बाजपेई को थप्पड़ जड़ दिया बल्कि मंडल उपाध्यक्ष पर जानलेवा हमला कर दिया।
नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोपहर बाद से ही बकेवर थाना परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया लेकिन अभी कोई बड़ा नेता नही आया था व धरना बेअसर था।
कुछ देर बाद ब्लॉक प्रमुख महेवा अशोक चौबे थाने पहुंचते हैं तो धरने पर बैठे कार्यकर्ताओ में जोश आ जाता है व काफी लंबी वार्तालाप व बहस के बाद सीओ भर्थना उक्त सिपाही को लाइन हाजिर करने की बात करते हैं।
पीड़ित मण्डल उपाध्यक्ष धर्मेश बाजपेयी व समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग थी कि दोषी सिपाही पर निलंबन की कार्यवाही के साथ साथ मेडिकल परीक्षण उपरांत एफआईआर भी दर्ज हो।
जब सीओ ब्लॉक प्रमुख अशोक चौबे को संतुष्ट न कर सके फिर क्या भर्थना विधायिका सावित्री कठेरिया थाने पहुंची व अपने कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गईं।
अपने सिपाही को बचाने के चक्कर मे सीओ को पसीना आ गया। पूरी जोर आजमाइश कर ली लेकिन बात बढ़ चुकी थी। स्वंय विधायिका धरने पर बैठी थी, एक ऐसी विधायिका जिसकी दखलंदाजी के बाद आज 3 महीने गुजर गए तीरंदाज पुलिस अफसर/नेताओं के चाहते हुए भी खनन परिवहन चालू न हो सका। अवैध वसूली के पैसों के कारण तबाह हो गयी इटावा पुलिस, ऐसी कर्मठ विधायिका थाना परिसर में धरने पर बैठी थी फिर क्या अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए व आनन फानन में एसएसपी इटावा ने उक्त सिपाही को सस्पेंड कर दिया तब कहीं जाकर सीओ भर्थना आलोक प्रसाद ने विधायिका को धरने से उठाया व धरना खत्म कराया।