राज प्रताप सिंह(यूपी हेड) लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के विशेष सत्र में बुधवार को संपूर्ण विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सोच दुर्योधन की मानसिकता से ग्रसित है। वह दुर्योधन की प्रवृत्ति को लेकर चल रहा है। उसकी विकास में रुचि नहीं। गरीबों के हितों पर चर्चा हो, भुखमरी को जड़ से खत्म करने पर मंथन हो यह उन्हें कैसे स्वीकार हो सकता है। चर्चा में उनकी असफलताओं की वास्तविकता सामने आती। शायद इसीलिए विपक्ष सदन में आने की हिम्मत नहीं कर सका।मुख्यमंत्री बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तय किए गए विजन 2030 के सतत विकास के 16 लक्ष्यों पर चर्चा के लिए बुलाए गए विधानसभा के 36 घंटे के विशेष सत्र में बोल रहे थे। इस दौरान कांग्रेस, सपा व बसपा के सभी सदस्य कार्यवाही से गैरहाजिर रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा ने सिर्फ वंशवाद और जातिवाद की राजनीति की है। सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा ने हरदम समाज को बांटा है। इस राजनीति से आजिज जनता इनको खारिज कर चुकी है।
कांग्रेस ने किया गांधी के मूल्यों का अपमान
मुख्यमंत्री ने सदन की कार्यवाही का विरोध करने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के मित्रों से चर्चा हुई तो उन्होंने सहमति दी। ऐसे विषयों पर भी चर्चा होनी चाहिए जिससे हम पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम कर सकें लेकिन जब मौका आया तो वही कांग्रेस गायब है जिसने सत्तर सालों में सबसे ज्यादा शासन किया है। योगी ने कहा कि कांग्रेस ने गांधी जी के नाम का उपयोग सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए किया है। कांग्रेस गांधी के सपनों का सौदा करने की गुनाहगार है।
ऐसा करके कांग्रेस ने न केवल सदन का अपमान किया है बल्कि गांधी जी के मूल्यों के साथ आम जनता का भी अपमान है। उन्होंने एक जर्मन दार्शनिक को उद्धृत करते हुए कहा कि जो सच्चाई से मुंह मोड़ लेते हैं उनके अंत की शुरुआत हो जाती है। कुछ वैसा ही कांग्रेस के साथ हो रहा है। वर्ष 2019 का चुनाव इसे साबित कर चुका है।विपक्ष तिलमिला रहा है कहीं वोट बैंक न छिन जाएमुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम गांधी जी के स्वावलंबन की बात करते हैं तो ये परावलंबन की बात करते हैं। हम स्वदेशी की बात करते हैं तो ये विदेशी की बात करते हैं। अब हम गरीबों के कल्याण, बीमारियां खत्म करने और भुखमरी पर चर्चा कर रहे हैं तो विपक्ष तिलमिलाया हुआ है कि कहीं उसका वोट बैंक न खत्म हो जाए। उन्हें स्वीकार नहीं है कि कैसे गरीबों के हितों की बात हो।