दरभंगा (विजय सिन्हा) : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। आज की बैठक में विश्वविद्यालय के कई प्रस्तावों को सिंडिकेट ने स्वीकृति नहीं दी। उसे अगले बैठक में विचार करने के लिए टाल दिया।
सूत्रों की माने, तो दीक्षांत समारोह में साफा की जगह पाग दोपटा का व्यवहार करने के प्रस्ताव पर कुलपति ने सहमति नहीं व्यक्त की और न ही इस प्रस्ताव को कुलपति ने पास किया। जिसके बाद विधायक सह सिंडिकेट सदस्य संजय सरावगी, पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी, प्रो. अजीत कुमार चौधरी, विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने जोरदार ढ़ंग से पाग लागू करने की मांग की। फिर भी बात नहीं बनी, तो इनलोगों ने कहा कि राजभवन को अनुशसा भेज दी जाय पर विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर भी तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद सिंडिकेट के इन सदस्यों ने हमलोगों की आपत्ति दर्ज कर ली जाय। आपत्ति दर्ज होगी या नहीं, इस पर संशय है। वहीं विश्वविद्यालय द्वारा आउटसोर्सिंग के जगह नई निविदा निकाल कर नये सिरे से नियुक्ति के प्रस्ताव को सिंडिकेट के सदस्यों ने अगले बैठक के लिए टाल दिया। इसके अलावे बीएड महाविद्यालय के एक मामले को भी अगली बैठक के लिए टाल दिया गया। वहीं स्कूल गुरू को लेकर गठित सिंडिकेट की कमिटी ने अपनी अनुशंसा के साथ सिंडिकेट के जांच पटल पर रख दी। जांच कमिटी ने स्कूल गुरू और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्वपोषित संस्थान दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के बीच हुई एकारनामा को अवैध घोषित कर दिया है और अपनी अनुशंसा में इस एकारनामा को निरस्त करने को कहा है। साथ ही एकारनामा के लिए जवाबदेह अधिकारी और उस पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति पर कानूनी कारवाई करने की अनुशंसा की है। साथ ही स्कूल गुरू के खाते में जो राशि गई है, उसे विश्वविद्यालय के खाते में अविलंब वापस करने की अनुशंसा की।
जांच टीम में विधायक संजय सरावगी, फैयाज अहमद और सिंडिकेट सदस्य लक्ष्मेश्वर राय थे। कमिटी के सहयोग के लिए कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय को शामिल किया गया था। जांच रिपोर्ट सर्वसम्मति से पेश किया गया और इसकी प्रति सभी सिंडिकेट के सदस्यों को उपलब्ध करा दी गई।