
राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘टीम इलेव की सार्थकता नजर नहीं आ रही है। समीक्षा करने वाले सदिच्छा से इसकी भी समीक्षा करें कि जिनकी धर पकड़ की जा रही है उन्हें कब, क्यों व किसने वीजा दिया? कोरोना के कितने टेस्ट किए जा रहे हैं? बीमारियों के इलाज और भूखे भटके लोगों के लिए क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं? यह भी मालूम नहीं।
उन्होंने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि भाजपा सरकार यदि वास्तव में जनता के प्रति ईमानदार है तो उसे गम्भीर बीमारियों का मुफ्त इलाज शुरू कराना चाहिए। सरकार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण देकर ये सुनिश्चित करे कि कोरोना की आशंका के डर से मेडिकल स्टाफ किसी भी मरीज की उपेक्षा नहीं करेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में टीम इलेवन की समीक्षा बैठक में शामिल जिम्मेदारों को राहत कोष की पारदर्शिता की भी समीक्षा करनी चाहिए।
प्रशासन को सभी क्वारंटीन सेंटरों की हालत दुरूस्त करने पर भी ध्यान देना चाहिए। सरकार कोराना से बचाव की दिशा में जो कदम उठा रही है उस पर आपत्ति नहीं, लेकिन जहां कहीं किसी क्षेत्र को सील किया गया है वहां मानवीय दृष्टि से व्यवहार होना चाहिए। सख्ती का मतलब उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद व विधायक और उनके नेता कानून की धज्जियां उड़ाना अपना अधिकार समझते रहे है। सहारनपुर, कानपुर के बाद कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने तहसीलदार पर हमला बोल दिया। मुख्यमंत्री को आरोपी सांसद पर रासुका लगा कर जेल भेजा जाए वरना प्रदेश में अराजकता को और ताकत मिलेगी।