चतरा (रांची ब्यूरो) :।।जंगली हिरन मामला।। कौन कहता है की मानवता लोगों में नहीं है।आज जहाँ आदमी का दुश्मन है।वहीँ आज एक युवक ने अपनी जान जोखिम में डाल कर एक दुर्लभ पशु को मरने से बचाया बलिक उसे अपना आसियान तक पहुचाया।आज यही मानवता इटखोरी प्रखंड का नाम रौशन कर रहा है इटखोरी प्रखंड से महज चार की0मी0 की दुरी में दस बारह घरो से घिरा गावँ कोनी पंचायत का लोहरा ग्राम।पूरी तरह से हरिजन जाती के लोग दैनिक मजदूरी कर अपना भरण पोषण करते है।इसी गावँ का एक यूवक राजू भुइयां 30 वर्सिय। राजू ने सुबह देखा की लगभग 10से 12 के संख्या में कुछ आवारा कुत्ते एक जानवर को चारो तरफ घेर कर हमला कर रहे है। वह लाचार प्राणी अपनी जान बचाने को लेकर थेथर के झुण्ड में फंस गया।राजू को यह समझ में नहीं आ रहा था की आखिर मै इस असहाय जीव को कैसे बचाउ ।
राजू ने उस पशु को बचाने की ठान ली और भागा-भागा अपने घर पहुँच लोगों से मदद माँगा।फिर क्या थी पूरा गावँ राजू के मदद पर टूट पड़ा ।बड़ी मसक्कत के बाद जब उस जानवर के करीब पहुचें तो देखा बड़ा डरा सहमा हिरन लहूलुहान बगरेण्ड के लतो में फंस गया व् अपनी जान बचाने को मदद मांग रहा है। राजू व् गावँ के लोगों ने बगैर कुछ सोचे हिरन के बच्चे को सकुसल अपने घर में सुरक्षित लाया व् वन विभाग को इतला किया। हिरन के मुँह ,आँख व् पीठ के कई हिस्से में गहरी चोटें आयी। तत्काल इसकी सूचना जिले के डी0सी0 संदीप कुमार तक पंहुचा दी गई।जिला प्रसाशन के द्वारा तुरंत इसे गंभीरता पुर्वक लेते हुए लावालौंग दक्षिणी क्षेत्र के रेंज आफिसर जगन्नाथ कुमार व् चतरा सदर के रेंज ऑफिसर कैलाश कुमार सिंह व् अशोक कुमार साहू तथा रामप्रसाद राम बन रक्षी ने मौके वारदात पर पहुँच हिरन को अपने कब्जे में लिया व् गावँ के बहादुर राजू भुईया को इनाम स्वरूप् रेंज ऑफिसर जगन्नाथ कुमार ने 300/=पुरस्कार स्वरूप् दिया।बाद में इटखोरी मवेसि अस्पताल में हिरन को एंटी रैबिट सुई लगा दी गई व् उसकी हालात सामान्य बताई जा रही है। मौके पर सुधीर सिंह (सोनिया) ओम् प्रकाश सिंह (सोनपूरा) मनोज पाण्डेय (बलिया) सियाराम यादव (सौनिया) ने अपना बहुमूल्य समय दे कर इस दुर्लभ पशु को सकुशल सुरक्षित स्थल तक पहुचाने में सहयोग किया।