उ.स.डेस्क : सहरसा जिले के महिषी में अवस्थित उग्रतारा मंदिर के व्यवस्थापकों ने मंदिर में देवी को शराब चढ़ाने की सदियों पुरानी परंपरा इस बार तोड़ दी है. निशापूजा को देवी को शराब चढ़ाने की रस्म इस बार नहीं हुई. पंचामृत से ही देवी की पूजा की गई.
लगभग तीन सौ साल के इतिहास में एेसा पहली बार हुआ है. व्यवस्थापकों और पुजारियों के इस निर्णय को सराहा जा रहा है. महिषी स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ उग्रतारा मंदिर में हर साल नवरात्र की अष्टमी को कालरात्रि में होने वाली पंचमकार पूजन में उपयोग में लाई जाने वाली के पांच सामग्रियों में एक मद्य (शराब) भी है.