(डॉक्टर एस बी एस चौहान)
चकरनगर/इटावा, 2 मई। बीती शाम में आई तेज आंधी-हल्की बूंदाबांदी ने किसान की नींद उड़ा दी। आंधी आने से खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल, भूसा उड़ गया। जिससे किसान को एक बार फिर भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। सबसे अधिक नुकसान भूसा उड़ने से हुआ है। उससे उनके सामने पशुचारे की समस्या पहले से ही चल रही थी जो अब विक्राल रूप से और बढ़ चढ़कर उत्पन्न हो गई है।
रविवार को किसानों ने फसल सुरक्षित करने के लिए कटान, थ्रेसिंग का कार्य किया।जिसमें कुछ फसलें वे ले गए और भूसा छोड़ गए। देर शाम में आई तेज आंधी व हल्की बूंदाबांदी में खेतों में पड़ा सैकड़ों कुंतल भूसा उड़ गया। करीब दस बीघा फसल में तीस चालीस कुंतल भूसे का नुकसान तो हो ही गया होगा। आपको बताते चलें कि इस समय रवि फसल की मढाई का कार्य चल रहा है किसानों के खेत में गेंहू व भूसा पड़ा हुआ था जो अचानक देर शाम आई आंधी ने उड़ा कर बर्बाद कर दिया।किसान मुन्नी लाल पुत्र जिया लाल निवासी पूरा पथर्रा बताते हैं कि "हमारा 4 वीघे का भूसा लगभग 20000 का था जो पूरा आंधी उड़ा ले गई। अब मैं बहुत दुखी हूं, हाय राम! अपने पशुओं को क्या खिलाऊंगा? पूर्व प्रधान जनवेद सिंह सेंगर पथर्रा के दरवाजे पर सन 1995 में लगा एमएआरआर टेलीफोन टावर आई तेज आंधी से गिर गया जो हाईटेंशन लाइट के तारों पर रखा हुआ है। वर्तमान प्रधान भूप सिंह निषाद ने बताया कि इस देर शाम आई तेज आंधी ने किसानों को बेहद मुसीबत में डाल दिया है जहां एक तरफ पशुओं के खाद्यान्न की समस्या पहले से ही बनी हुई थी अब वह और भी विकराल रूप से हो गई। उमेश मिश्रा बताते हैं कि देर शाम आई आंधी ने किसानों को तबाही के मंजर पर खड़ा कर दिया "अपनी तो जैसी तैसी पशुओं का क्या होगा..?
तहसील प्रशासन से अपुष्ट सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आंधी और तेज हवाओं से किसानों को जो नुकसान हो रहा है उसका मूल्यांकन करने के लिए समस्त लेखपालों आर आई सहित अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया और यह भी कहा गया है यदि कहीं किसी प्रकार की जन धन हानि होती है तो उसकी रिपोर्ट तहसील प्रशासन को तत्काल उपलब्ध कराई जाए ताकि पीड़ित किसान को जो संभव सहायता हो वह प्रदान की जा सके, इस कार्य में किसी भी कर्मचारी और अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और यदि ऐसा होना पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।