गोरखपुर | अपने समोसा देखा भी होगा और यकीनन खाया भी होगा. लेकिन 50 हजार रुपया लागत से बना 350 किलो का एक समोसा यकीनन नहीं देखा होगा. दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी के बाद दुनिया का सबसे बड़ा समोसा गोरखपुर मंडल के महराजगंज जिले में तैयार हो गया है. महराजगंज के सिसवा कस्बे के युवाओं ने करीब 12 घंटे के खड़े प्रयास के बाद विश्व का सबसे बड़ा समोसा तैयार कर दिया है.फिलहाल इसका आधिकारिक तौल होना बाकी है, लेकिन इसमें इस्तेमाल दो क्विंटल आलू, डेढ़क्विंटल मैदा, 20 किग्रा डालडा घी, दो किग्रा मूंगफली का दाना तथा करीब 20 किग्रा अन्य सामग्री के आधार पर इसका वजन लगभग साढ़े 3 से 4 चार क्विंटल तक आंका जा रहा है. इतना बड़ा समोसा बनाने वाली टीम के नायक रितेश सोनी के मुताबिक एक घंटे के अंदर समोसा का बाह्य आवरण दुरुस्त करते हुए प्रदर्शित कर दिया जायेगा रितेश ने दावा किया कि यह अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा समोसा है. सबसे बड़ा समोसा बनाने के पीछे उसकी मंशा महराजगंज जैसे पिछड़े और गरीबी से जूझते जिले की ओर केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान खींचना है. रितेश कहते हैं कि आजादी के इतने दिनों बाद भी यहां शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन और पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है.
टूटेगा इंग्लैंड का रिकार्ड इससे पहले 2012 में इंग्लैण्ड के ब्रैडफोर्ड कालेज के छात्रों ने एक रेस्त्रां के सहयोग से 108.8 किग्रा का समोसा बनाया था। इसके पहले इतना बड़ा समोसा न होने के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ द विश्व रिकार्ड में शामिल किया गया. करीब चार वर्ष बाद रितेश के नेतृत्व में महराजगंज के सिसवा के 12 युवाओं ने अपनी कठिन से इसे रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है. इसके लिए सिर्फ गिनीज बुक की प्रक्रिया शुरू होना शेष है. दुनिया का सबसे बड़ा समोसा बनाने वाले टीम के नायक रितेश सोनी इंटरमीडिएट की छात्र हैं, लेकिन वह परिवार की मदद करने के लिए सिसवा में चाट-समोसा की दूकान भी लगाते हैं। उनका सहयोग करने वाले विवेक मद्देशिया, रामानंद वर्मा, अभिषेक सोनी, नवीन तिवारी, गोपाल, कन्हैया वर्मा, नवीन मद्देशिय, राजेश वर्मा, भानु गुप्ता, किशन सोनी व दुर्गेश केसरी भी पढ़ाई के साथ छोटे छोटे काम करके परिवार की मदद करते हैं।