बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद पटना द्वारा आयोजित डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रवेश परीक्षा,आईटीआईसीएटी और डिप्लोमा पार्श्विक प्रवेश परीक्षा में मदारपुर दरभंगा स्थित एवेन्यु-द पाथ आॅफ सक्सेस के छह छात्रों ने सफलता हासिल कर संस्थान से प्रतिवर्ष होने वाली कामयाबी के रिकाॅर्ड का सिलसिला कायम रखा है. हायाघाट प्रखंड अन्तर्गत परमानन्दपुर ग्राम निवासी किसान हरिमोहन मिश्र व कुशल गृहिणी आशा देवी के पुत्र विनय कुमार मिश्र ने सफलता हासिल की है। विनय कुमार मिश्र इसी वर्ष 83.8%अंक से मैट्रिक उतीर्ण कर जिले में 13वाँ स्थान व एल.एम.हाई स्कूल आनंदपुर का दूसरा टाॅपर बना।
चार भाई-बहनों में सबसे छोटा विनय कुमार मिश्र की रूचि गणित विषय में है जिसमें बड़े भाई विजयकान्त मिश्र का सहयोग के साथ साथ बड़ी बहनों कल्पना व कामिनी का स्नेह-प्रेम भी काफी सार्थक साबित हुआ है।विनय कुमार मिश्र सिविल इंजीनियर बन देश की सेवा करना चाहता है।अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक पोलिटेक्निक गुरू सौरभ शेखर श्रीवास्तव को देते हुए विनय कहता है कि उनके द्वारा दिए गए गणित के ट्रिक्स और उचित मार्गदर्शन की बदौलत ही मुझे ये मुकाम हासिल हुआ है।
बेनीपुर प्रखंड के पौड़ी ग्राम निवासी विनोद कुमार साहु व प्राथमिक विद्यालय पौड़ी की शिक्षिका का पुत्र अभिजीत कुमार की ईच्छा इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनने की है।अभिजीत एक सफल इंजीनियर बन अपने छोटे भाई सत्यजीत का आदर्श बनकर उसे भी इंजीनियर बनाना चाहता है।अपनी सफलता का श्रेय अभिजीत अपने माता-पिता व शिक्षक सौरभ शेखर श्रीवास्तव को देता है।
चूनाभट्ठी लक्ष्मीसागर निवासी राजेन्द्र चौधरी के पौत्र गौरव राज भी सफल होकर तिहरी कामयाबी पायी है।गौरव राज इसी वर्ष स्लाईट और आई.टी.आई.सी.ए.टी में भी सफलता हासिल की है।उसके तिहरी सफलता से बड़ा भाई भास्कर,छोटा भाई रौशन व छोटी बहन भाग्यश्री सहित परिजनों काफी हर्ष है।गौरव राज अपना आदर्श दादा राजेन्द्र चौधरी को मानता है।राजेन्द्र चौधरी श्रीकन्या विद्यालय के पूर्व प्राचार्य हैं व अपनी पोता-पोती का पठन-पाठन तथा लालन पालन अपनी देखरेख में करते हैं।गौरव राज अपनी तिहरी कामयाबी का श्रेय पोलिटेक्निक गुरू को देते हुए कहता है कि सही मार्गदर्शन ही सफलता का आधार होता है जो मुझे अपने शिक्षक सौरभ शेखर श्रीवास्तव से मिला।
बाकरगंज निवासी श्याम सहनी और मानो देवी के पुत्र मुकेश कुमार भी पोलिटेक्निक में सफलता हासिल की।
बहेड़ी के सनखेरा ग्राम निवासी मो. शफीउल्लाह अंसारी व शहनाज बेगम के पुत्र शहनवाज अहमद भी बिहार आईटीआई में सफल हुआ।मौलागंज में शहनवाज अपने चाचा मो. अमानुल्लाह के देखरेख में रहकर पोलिटेक्निक गुरू के मार्गदर्शन में तैयारी की।
वहीं पोलिटेक्निक पार्श्विक प्रवेश परीक्षा में बिरौल प्रखंड के अथार ग्राम निवासी गणपति राय और रंजना देवी के पुत्र अभिषेक कुमार राय ने सफलता प्राप्त कर रेलवे इंजीनियर बनने की ईच्छा को पूरा करने के लिए एक कदम और बढ़ा दी है।अभिषेक कुमार राय दरभंगा के रामनगर आईटीआई से इसी वर्ष द्विवर्षीय डिप्लोमा प्राप्त किया है। सभी सफल छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय पोलिटेक्निक गुरू सौरभ शेखर श्रीवास्तव को दी।
संस्था के निदेशक सौरभ शेखर श्रीवास्तव सफल छात्रों को बधाई देते हुए कहते हैं कि मेरा अभियान ‘मिशन पोलिटेक्निक’ सफल रहा जिससे इस वर्ष भी कई परीक्षार्थी लाभान्वित हुए।
शैक्षणिक कार्यों के लिए 18 दिसंबर 2015 को सौरभ शेखर श्रीवास्तव को प्रो. रतिकान्त स्मृति फाउंडेशन द्वारा संत केशव दास भूषण सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
बता दें कि मिशन पोलिटेक्निक 2016 का शुभारंभ 20 नवंबर 2015 को डब्लूआईटी के पूर्व निदेशक डा. ब्रजमोहन मिश्र व नगर विधायक संजय सरावगी के करकमलों द्वारा किया गया था जो वाकई में पोलिटेक्निक गुरू के लिए काफी लकी रहा।
विगत 11 वर्षों से पोलिटेक्निक गुरू के माध्यम से अब तक सैकड़ों बच्चे लाभान्वित हुए हैं तथा दरभंगा के शैक्षणिक विकास में सौरभ शेखर श्रीवास्तव एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।सफलताओं की बौछार होने से कई शिक्षक व गणमान्य सौरभ शेखर श्रीवास्तव के कार्यों की सराहना करते हुए बधाई दे रहे हैं।