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50 प्रतिशत गिरा बीमारी का ग्राफ, अभी तक एक भी नहीं मिला डेंगू का मरीज !

timthumbबैतूल (एम0पी0 ब्यूरो)। जिले में डेंगू,मलेरियां जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू एवं चिकन गुनिया नियंत्रण माह की शुरूआत की है। सीएमएचओ कार्यालय में शुक्रवार पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ प्रदीप मोजेस जिला मलेरियां अधिकारी जितेन्द्र सिंह राजपूत,डॉ ए के भट्ट प्रमुख रूप से मौजूद थे। सीएमएचओं ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष डेंगू,चिकन गुनिया और मलेरिया जैसी बीमारी में 50 प्रतिशत की कमी है। 2015 में मलेरियां के 1047 स्लाईट पाँजिटिव मिली थी। इस बार इसकी संख्या घटकर 517 हो गई है। पिछले साल फेल्सफेरियम के 65  के केश पॉजिटिव मिले थे। इस बार इसके 175 मरीज ही पॉजिटिव मिले है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार डेंगू का मरीज पॉजिटिव नहीं मिला है। पिछले साल ही डेंगू के 4 मरीज ही मिले थे।
 बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग का महकमा युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। 40 पंचायतों में कार्यशाला आयोजित सीएमएचओ ने बताया कि डेंगू,मलेरियां और चिकन गुनिया जैसी बीमारी के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले भर की 40 पंचायतों में डेंगू मलेरियां नियंत्रण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया और यह प्रक्रिया पूरे जिले भर में चलेगी। लोगों को बिमारियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अभी तक बिमारियों से बचने के लिए 208 गांवों में दवा का छिडक़ाव किया जा चुका है। अभी तक 24 हजार 20 गांवों को छिडक़ाव के लिए चिन्हित किया है। छिडक़ाव के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में 13 टीमे काम कर रही है। बीमारी के रोक थाम के लिए एएनएम आशा कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। सात गांवो को किया अलर्ट बीमारी को किये गए सर्वे में जिले के सात गांवों को अलर्ट किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है। गोधना,मंडईबुजूर्ग,रातमाटी,लाखापूर,सेहरा,गोदरा गांव में उल्टी दस्त सर्दी जुखाम के मरीज अधिक मिलने के चलते स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मिला है। बिमारियों की रोकथाम करने लिए अलग-अलग टीमें गठित की है। बिमारियों से पीडि़तों लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 108 एम्बुलेंस,जननी एक्सप्रेस का भी सहरा लिया जा रहा है। ताकि मरीजों को तत्काल उपचार मिल सके। 5 साल बाद वितरित होंगी म’छरदानी मलेरियां विभाग की तरफ से वितरित होने वाली म’छरदानी का वितरण पिछले 5 साल से नहीं मिली है। 5 साल बाद म’छरदानियों का वितरण होगा। सीएमएचओं ने बताया कि प्रदेश में 13 लाख से अधिक म’छरदानी का वितरण होना है। इसमें से कुछ म’छरदानी बैतूल को भी मिलेगी। इसके अलावा जिन लोगों के यहां सर्वे के दौरान 3 से अधिक बार लारर्वा मिलता है तो उनके खिलाफ जुर्माने का भी प्रावधान है। जिसकों लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से नगर पालिका को पत्र जारी कर दिया गया है। बार-बार लारर्वा मिलने पर नगर पालिका 500 रूपए का जूर्माना भी वसूल करसकती है। मलेरिया डेंगू से कैसे बचे वहीं डेंगू,मलेरिया और चिकन गुनिया की बीमारी से बचने के लिए सभी को अपने घरों के आस-पास साफ-सफाई रखना अनिवार्य है,घर के आस पास पानी एकत्रित न होने दे। घर के आस-पास एकत्रित पानी में डेंगू और मलेरिया के म’छर अधिक पनपते है। सर्दी,जुखाम,बुखार की स्थिति तत्काल स्वास्थ्य अस्पताल में दिखाए। जिला अस्पताल सहित ब्लाकों के स्वास्थ्य केन्द्रों में बिमारियों से बचने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।   टीम ने पूछा कौनसा इतिहास पढ़ रहे है आप बैतूल। जेएच कॉलेज के मूल्याकंन के दूसरे दिन नेक टीम के तीन सदस्यीय दल ने आज  .30 बजे से विभागों का मूल्यांकन शुरु किया। इस दौरान विभागों में पहुंची टीम द्वारा अध्ययनरत विद्यार्थियों से भी विषय संबंधित सवाल किए वहीं कल की अपेक्षा जेएच महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं विभाग प्रमुख भी संभले हुए नजर आए।  इकानॉमिक्स विभाग में पहुंचते ही टीम ने विभाग प्रमुख से कई सवाल किए। विभाग प्रमुखों पर फिर दागे सवालमहाविद्यालय के छात्रों का प्लेसमेंट कहां हुआ। भविष्य के लिए क्या योजना है तथा अकादमिक उन्नयन एवं पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है। विद्यार्थियों से किए गए सवालों पर ‘यादातर सवालों पर विद्यार्थियों की खामोशी देखने मिली। इकानामिक्स डिपार्टमेंट में पहुंचते ही टीम ने छात्र-छात्राओं से पूछा कि भारत में इकानॉमिक नोबल प्राइज किसे मिला है तो छात्र जवाब नही दे पाए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीम के सदस्यों ने कहा कि विभाग में अर्मत्य सेन का फोटो लगा है पर आप लोगों को यह जानकारी भी नहीं है। विभाग प्रमुख पावर पांइट से जानकारी महाविद्यालय और अपनी उपलब्धियां गिनाते रहे लेकिन टीम द्वारा किए जा रहे सवालों पर समय-समय पर चुप्पी साधते रहे। विद्यार्थियों को नेक के सदस्यों ने अखबार पडऩे की सलाह दी तो विभाग प्रमुख से भी मोदी सरकार की इकानामिक्स पॉलिसी को लेकर सवाल किए। पोलिटिकल विभाग में व्यवस्थाएं एवं विभाग प्रमुख का संतोषजनक प्रेजेंटेशन देख टीम खुश हुई। इस दौरान यहां लगाई गई ज्ञानवर्धक सामग्री की टीम ने भी फोटो ली। ईबुक कलेक्शन एवं गांधीजी के राजनीति पर सौ सिद्धांतों पर आधारित संकलन की  सराहना भी टीम के सदस्यों ने की। इतिहास विभाग में दाखिल होते ही विद्यार्थियों से पूछा कि कौनसा इतिहास पढ़ रहे है आप इंडिया, यूरोप या वल्र्ड का। अंग्रेजी विभाग में रिसर्च छात्र-छात्राओं से विभिन्न सवाल किए यहां भी व्यवस्थाओं पर टीम ने संतोष जताया। टीम से चर्चा में विभाग प्रमुख डॉ हसन ने जिले के विद्यार्थियों के संबंध में यह स्थिति जाहिर की कि जिले के विद्यार्थी क्लास लगाने में कम परीक्षा देने में ‘यादा भरोसा करते है। पोलिटिकल एवं संस्कृत विभाग में छात्रों की उपस्थिति आज भी कम थी। जिस पर प्राध्यापकों द्वारा एडमिशन, बारिश सहित अन्य समस्याएं गिना दी। रातोरात बन गए खेल मैदानजेएच कॉलेज में कल जहा टीम पूर्व छात्रों से चर्चा में जुटी थी वहीं दूसरी ओर अगले दिन होने वाले स्पोर्ट मूल्यांकन की जोरदार तैयारी चल रही थी। बीती रात ही परिसर में खो-खो ग्राउंड एवं कबड्डी ग्राउंड के अलावा क्रिकेट की पीच भी तैयार हो गई। बास्केटबाल एवं अन्य खेलों के लिए जिस तरह रातोरात मैदान तैयार हुए उससे लोग हैरत में है। सेमेस्टर ने बिगाड़ा गणितइकॉनामिक विभाग में वर्ष 2008 के बाद किसी भी छात्र या छात्रा को यूनिवर्सिटी स्तर पर कोई रेंक नहीं मिली है। विभाग प्रमुख ने बताया कि विद्यार्थी 75 फीसदी से अधिक रिजल्ट ला रहे है लेकिन सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद स्थिति बिगड़ रही है। वर्ष में चार बार परीक्षाओं में ही ब’चे उलझकर रह जाते है। वर्ष 2014-15 का रिकार्ड विभाग प्रमुख के पास मौजूद नहीं था। लंच के बाद टीम द्वारा खेल एवं अन्य गतिविधियों का भी अवलोकन किया।

 

 

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