डेस्क : धड़ल्ले से बिक रही सरकारी भूमि पर रोक लगाने के लिए अनुमंडल प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बेची गई भूमि के विक्रेताओं को चिन्हित करने के लिए दस्तावेज खंगालने का आदेश सभी सीओ व सीआई को दिया गया है।
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इस मामले में चार अंचलों के 74 विक्रेताओं पर कानूनी कार्रवाई के लिए जिले से स्वीकृति मांगी गई है। बगैर खाता खेसरा के जमाबन्दी एवं लगान निर्धारण के बाद राजस्व जमा नहीं करने वाले रैयतों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए सूची भेजने का आदेश सभी सीओ व सीआई को दिया गया है। अनुमंडल प्रशासन की इस कार्रवाई से सरकारी जमीन की अनाधिकृत रूप से बिक्री करने वाले विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है।
मालूम हो कि भूमि विवाद को लेकर बढ़ रही घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने भूमि सम्बंधित नियमों के कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश जारी किया है।
निर्देश के आलोक में भूमि उपसमाहर्ता कार्यालय की ओर से अनुमंडल के सभी छह अंचलों के अंचलाधिकारी को बेची गई सरकारी भूमि के विक्रेताओं को चिन्हित कर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। आदेश के आलोक में चार अंचल बिरौल, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान पूर्वी व गौड़ाबौराम में गैरमजरुआ आम, गैरमजरुआ ख़ास, देव स्थान व शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों की भूमि को अनधिकृत रूप से बेचने वाले 74 सरकारी भूमि विक्रेताओं को चिन्हित किया गया है।
इसमें सबसे अधिक बिरौल अंचल 53, गौड़ाबौराम 16, कुशेश्वरस्थान 4 व कुशेश्वरस्थान पूर्वी के एक विक्रेता पर विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिले से स्वीकृति मांगी गई है। जिले से स्वीकृति मिलते ही अनाधिकृत रूप से बिक्री करने वाले विक्रेता के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। भूमि सुधार उपसमाहर्ता राम दुलार राम ने बताया कि सभी स्तर की सरकारी भूमि की बिक्री करने वालों को चिन्हित करने का आदेश सभी सीओ व सीआई को दिया गया है।
दाखिल ख़ारिज व लगान निर्धारण के लिए दिए गए दस्तावेज पर अनधिकृत विक्रेताओं को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए भेजा गया है। शेष अंचल किरतपुर व घनश्यामपुर के सीओ को सरकारी भूमि विक्रेता को चिन्हित कर शीघ्र सूची भेजने का निर्देश दिया गया है। जिन रैयतों का बिना खाता खेसरा के जमाबन्दी एवं जमाबन्दी निर्धारण के बाद लगान जमा नहीं की गई है उन भूधारियों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।