लखनऊ (राज प्रताप सिंह)-लखनऊ में अखिलेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स की योगी सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है. 1373.64 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर सपा सरकार के दौरान करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं. परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर घपले की आशंका के मद्देनजर सरकार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जांच के निर्देश दिए गए हैं. उपाध्यक्ष से तीन दिन में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है.
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तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में जहां 18.64 एकड़ भूमि पर 864.99 करोड़ रुपये के विश्वस्तरीय सुविधायुक्त जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र को वहीं 355.60 करोड़ की 376 एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क, 846.49 एकड़ में 872.58 करोड़ की सीजी सिटी और 153.05 करोड़ रुपये की पुराने लखनऊ में सौन्दर्यीकरण परियोजना को मंजूरी दी गई थी.
गौर करने की बात यह है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की देखरेख में चल रही इन परियोजनाओं के लिए तत्कालीन सपा सरकार द्वारा 1100.10 करोड़ दिए जाने के बावजूद कई कार्य अभी अधूरे ही हैं. हालांकि, जल्दबाजी में परियोजनाओं के आधे-अधूरे कार्यो का ही मुख्यमंत्री से लोकार्पण करा दिया गया. ज्यादातर काम जहां समय से पूरे नहीं हुए हैं वहीं कार्यो की गुणवता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायत पर मौजूदा योगी सरकार ने जांच कराने का फैसला किया है. उच्च स्तरीय निर्देश पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव शिव जनम चौधरी की ओर से शुक्रवार को एलडीए के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह को पत्र भेजा गया है.
एलडीए उपाध्यक्ष को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्थलीय निरीक्षण कर सभी परियोजनाओं