– रोडवेज संग अनुबंधित बसों के रखरखाव में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
– बसों की भैतिक दशा सुधारने के लिए अफसरों को अल्टीमेटम दिया
राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: रोडवेज बसों के अलावा अनुबंधित बसों में यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखने, दुर्घटनाओं में कमी लाने, जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के मकसद से फिटनेस जांच बस डिपो में होगी। इसके लिए डिपो स्तर पर जिम्मेदारी तय की गई है। जहां निगम और अनुबंधित बसों के भैतिक सत्यापन 31 जुलाई तक कराने के निर्देश प्रबंध निदेशक राज शेखर ने दिए। रोडवेज में तीन हजार के करीब अनुबंधित बसें संचालित होती है।
डिपो स्तर पर बसों की जांच रिपोर्ट सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अपने क्षेत्रीय प्रबंधक देंगे।
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वहीं अनुबंधित बसों में पायी गयी कमियों को सात दिनों में ठीक कराने के लिए वाहन स्वामियों को क्षेत्रीय प्रबंधक अपने स्तर से अवगत कराकर सुधार कराएंगे। वहीं बस दुर्घटनाओं में रोक-थाम के लिए बसें नियंत्रित गति से चले। इसके लिए बस में लगी स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच होगी। क्षेत्र के सेवा प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे 31 जुलाई तक लंबी दूरी की बस सेवाओं में और 15 अगस्त तक बसों में स्पीड लिमिट डिवाइस कार्यरत हो जाए। बसों में सुधार के लिए तीन लोग जिम्मेदार एमडी राज शेखर ने रोडवेज बसों के अलावा अनुबंधित बसों में सुधार के लिए तीन लोगों की जिम्मेदारी तय की है। इनमें पहले नंबर पर हर बस डिपो पर तैनात सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को जिम्मेदार ठहराया गया है। दूसरे नंबर पर बसों की जहां मरम्मत होती है उस कार्यशाला के प्रभारी व तीसरे नंबर पर वरिष्ठ केंद्र प्रभारी बसों के रखरखाव के मामले में जिम्मेदार होंगे।
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